नई दिल्ली: पूरे देश में 10 जुलाई को इस साल ईद उल अज़हा यानी बक़रीद का त्यौहार मनाया जाना है. देशभर में मुसलमान बड़े पैमाने पर जानवरों की कुर्बानी देकर बक़रीद का त्यौहार मनाते है. ईद उल अज़हा के त्यौहार से ठीक पहले AIUDF अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने मुसलमानों से गाय की कुर्बानी को लेकर बड़ी अपील की है. उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि वह गाय की कुर्बानी से बचे.


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बदरुद्दीन ने कहा कि हिंदू गाय की पूजा करते हैं, इसलिए कुर्बानी न दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी जानवर का कष्ट ना दें. उनका कहना है कि इस्लाम में किसी जानवर को तकलीफ देने की बात नहीं कहा गया, जब हिंदू गाय को मां के रूप में पूजा करते है, तो उसे क्यों मारना?


दारुल उलूम देवबंद की अपील का भी दिया हवाला
बदरुद्दीन अजमल ने जोर देकर कहा कि इस्लाम किसी जानवर की तक्लीफ देने की इजाज़त हरगिज़ नहीं देता है. यहां तक कि इस्लाम ने एक चींटी को भी तकलीफ देने से मना किया गया है. उन्होंने कहा कि  "भारत कई अलग-अलग समुदायों, जातीय समूहों और धर्मों के लोगों का घर है. सनातन धर्म गाय को एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है, बहुसंख्यक भारतीय इसे मानते हैं. हिंदू गाय को एक मां के रूप में मानते हैं. इसलिए मेरी मुसलमानों से गुज़ारिश है कि वह कुर्बानी के मौके पर गाय की कुर्बानी से मुकम्मल तौर पर परहेज करें. उन्होंने दारुल उलूम देवबंद की एक अपील का भी हवाला दिया, जिसमें मुसलमानों से मवेशियों की बलि से बचने का आह्वान किया गया था.


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गौरतलब है कि बदरुद्दीन अजमल एआईयूडीएफ के राष्ट्रीय चीफ हैं जो असम में बीजेपी की सख्त मुखालिफ पार्टी है. असम में इस पार्टी को मुस्लिम समाज की प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के तौर पर जाना जाता है. वहीं बीजेपी ने लगातार अजमल की पार्टी की पार्टी पर आरोप लगाती रही है कि वह राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों की हिमायत करती हैं. 


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