Bajrang Punia: ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने आज यानी 22 दिसंबर को अपना 'पद्मश्री' सम्मान पीएम नरेंद्र मोदी को वापस करने का एलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए इसका एलान किया है. इसके साथ ही पुनिया ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी भी शेयर की है. इसमें उन्होंने सांसद और पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला खिलाड़ियों की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के इल्जामों से जुड़े विवाद को बयां किया है. 


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पत्र में बजरंग पुनिया ने क्या लिखा?


पुनिया ने पत्र में लिखा, " जब किसी कार्यक्रम में जाते थे तो मंच संचालक हमें पद्मश्री, खेलरत्न और अर्जुन अवॉर्डी पहलवान बताकर हमारा परिचय करवाता था तो लोग बड़े चाव से तालियां पीटते थे. अब कोई ऐसे बुलाएगा मुझे घिन्न आएगी क्योंकि इतने सम्मान होने के बावजूद एक सम्मानित जीवन जो हर महिला पहलवान जीना चाहती हैं, उससे उन्हें वंचित कर दिया गया."



जंतर-मंतर पर कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
ओलंपिक से लेकर तमाम अंतराष्ट्रीय खेलों में इंडिया के लिए मेडल जीत चुके देश के पहलवानों ने दिल्ली में मौजूद जंतर-मंतर पर एक महीने से ज्यादा दिनों तक धरने पर बैठे थे. इसके बाद इसी साल मई के महीने में अपने पदकों को गंगा में बहाने की बात कही थी.


हालांकि, किसान लीडर राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत के बीच-बचाव के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया. क्योंकि उन पहलवानों को न्याय दिलाने की दिलासा दी गई थी. ये खिलाड़ी इसी साल कई महीनों तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर यौन शोषण के इल्जाम झेल रहे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 


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