Basirhat Lok Sabha Election Results 2024: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं. जो भाजपा के नजरिए से काफी खराब है. भारतीय जनता पार्टी यहां पिछले तआम चुनाव 2019 का प्रदर्शन दोहराने में पूरी तरह से नाकाम रही. BJP यहां पर 12 सीट पर जीत दर्ज करती हुई दिखाई दे रही है. 


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दिलचस्प बात यह है कि जिस संदेशखाली के मुद्दे को भाजपा ने पूरे देश में भुनाया वहां भी हार गई. बशीरहाट लोकसभा चुनाव में टीएमसी कैंडिडेट नुरुल इस्लाम ने 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर ली है. यहां से बीजेपी ने संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा को अपना प्रत्याशी बनाया था.


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार रेखा पात्रा को 4,70,215 मत मिले, जबकि तृणमूल कांग्रेस के एसके नुरुल इस्लाम 8,03,762 वोट मिले. बशीरहाट  मुस्लिम बहुल्य सीट है. यहां की कुल आबादी में 54 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम है. पारंपरिक रूप से यह सीट टीएमसी का गढ़ माना जाता है. 


संदेशखाली सीट पश्चिम बंगाल की सबसे हाईप्रोफाइल सीट में से एक थी. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और कई एनडीए के दिग्गजों नेताओं ने पात्रा के पक्ष में ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं की थीं. लेकिन टीएमसी ने इस परंपरागत सीट को बरकरा रखने कामयाब रही.।


मिली है एक्स श्रेणी' की सुरक्षा
27 साल की पात्रा अप्रैल में गृह मंत्रालय ने 'एक्स श्रेणी' की सुरक्षा दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 6 मार्च को बारासात में मोदी से मुलाकात करने वाले ग्रुप में रेखा भी शामिल थीं. उन्होंने प्रधानमंत्री को संदेशखाली में महिलाओं की समस्याओं के बारे में बताया था.


क्या है संदेशखाली केस?
संदेशखाली बशीरहाट संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यह इलाका तब सुर्खियों में आया जब महिलाओं के एक ग्रुप ने एक लोकल तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का इल्जाम लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद  शेख और उनके कई सहयोगियों को  अरेस्ट कर लिया गया. इसके बाद टीएमसी ने शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया.


उन्हीं कथित पीड़ित महिलाओं के ग्रुप में से एक पात्रा भी थीं, जिसे भाजपा ने बशीरहाट से मैदान में उतारा.इस सीट पर मतदान के आखिरी व सातवें चरण में 1 जून को चुनाव हुआ था.


2019 का जनादेश
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले आम चुनाव 2019 में टीएमसी उम्मीदवार नुसरत जहां को कुल वोट का 54.56 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, 2014 के चुनाव में टीएमसी के इदरीस अली ने 38.64% वोटों के साथ जीत हासिल की थी.