बटला हाउस में ब्यूटी पार्लर संचालिका महिला पर था ये संगीन इल्ज़ाम; कोर्ट ने ठहराया कसूरवार
Batla House News: बटला हाउस में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली किराएदार महिला को बिजली चोरी के इल्जाम लगा था. जिसके बाद कोर्ट में यह मामला चल रहा था. आज कोर्ट ने महिला को दोषी माना है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Batla House News: दिल्ली की एक अदालत ने जामिया नगर के बटला हाउस में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली किराएदार महिला को बिजली चोरी के इल्जाम में दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ आरोप संदेह से परे साबित हुए हैं. सहायक सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार गुलिया शाहीन उर्फ शाहीना के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसके खिलाफ जामिया नगर पुलिस स्टेशन ने बिजली अधिनियम की धारा 135 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. यह धारा बिजली चोरी, जैसे अवैध कनेक्शन और मीटर से छेड़छाड़ के लिए सजा से संबंधित है, जिसमें अधिकतम पांच साल की कैद या चोरी के कारण वित्तीय लाभ की राशि से कई गुना जुर्माना का प्रावधान है.
19 सितंबर के आदेश में, अदालत ने मामले के तथ्यों पर ध्यान दिया, जिसके मुताबिक किराए के परिसर में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली आरोपी अवैध केबल की मदद से बीएसईएस पोल से सीधे टैप करके बिजली चोरी कर रही थी. इसी दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की. छापेमारी करने वाली टीम ने चोरी के लिए लगभग 1.87 लाख रुपये का बिल बनाया, जिसे शाहीना ने चुकाया नहीं. आरोपी की पहचान के संबंध में, अदालत ने प्रॉपर्टी डीलर जफर अब्बास की गवाही पर गौर किया, जिसने कहा कि उसने अपनी मां की संपत्ति शाहीना को ब्यूटी पार्लर चलाने के लिए किराए पर दी थी.
किराए पर था मकान
कोर्ट कहा गया, "अभियोजन पक्ष के गवाह 7 (अब्बास) ने स्पष्ट रूप से गवाही दी है कि आरोपी शाहीना ने ब्यूटी पार्लर चलाने के लिए किराए पर दुकान के लिए उससे संपर्क किया था और इसलिए, उसने 8,000 रुपये प्रति माह मांगे, लेकिन आरोपी ने उसे इसे घटाकर 5,000 रुपये करने के लिए कहा और कहा कि वह दुकान में बिजली की व्यवस्था खुद करेगी."
अदालत ने कहा, "इस अदालत को पीडब्लू 7 की विश्वसनीयता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं मिला. इसके अलावा, आरोपी ऐसा कोई मकसद नहीं दिखा पाया है, जिसके लिए पीडब्लू 7 उसके खिलाफ झूठे बयान दे. शाहीना ने यह दावा नहीं किया कि वह ब्यूटी पार्लर के व्यवसाय में नहीं थी या वह कोई अलग काम कर रही थी, न ही उसने यह साबित करने के लिए कोई स्वतंत्र गवाह पेश किया कि उसने परिसर किराए पर नहीं लिया था.
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि परिसर और आरोपी का आवासीय पता जामिया नगर के बटला हाउस में एक ही इलाके में था. आरोपी को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा, "यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत सामने आए हैं कि आरोपी निरीक्षण किए गए परिसर में किराएदार था और प्रासंगिक समय पर अधिकृत साधनों के बिना बिजली का उपयोग कर रहा था."