Lal Krishna Advani Bharat Ratna: भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी को रविवार को 'भारत रत्न' अवॉर्ड से सरफराज किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी के घर पर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद रहे.  3 फरवरी को केंद्र सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. बता दें कि, राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित एक प्रोग्राम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की चार महान शख्सियात को मरणोपरांत 'भारत रत्न' ऐजाज से सरफराज किया था.  इनमें बिहार के पूर्व सीएम जननायक कर्पूरी ठाकुर, देश के पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और देश के मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.


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आडवाणी का लंबा सियासी सफर
इस लिस्ट में बीजेपी नेता  लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी शामिल था. लेकिन सेहत खराब होने की वजह से वो राष्ट्रपति भवन नहीं आ सके. जिसके बाद रविवार को उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर पर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया.गौरतलब है कि लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में अहम रोल निभाया है. 1990 के दशक में उनकी रथयात्रा के बाद बीजेपी कौमी सियासत में उभर कर सामने आई. 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद से लालकृष्ण आडवाणी ने सबसे लंबे अर्से तक बीजेपी के सद्र के तौर पर काम किया. तकरीबन तीन दशकों के संसदीय करियर के दौरान, लालकृष्ण आडवाणी पहले गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (1999-2004) के मंत्रिमंडल में उप प्रधान मंत्री के पद पर रहे.


तकसीम के बाद भारत आए आडवाणी
8 नवंबर, 1927 को कराची, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए लालकृष्ण आडवाणी तकसीम के बाद भारत आ गए. हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की तालीम हासिल की. इसके बाद वह RSS में शामिल हो गए और 1947 में राजस्थान में इसकी सरगर्मियों की कमान संभाली. जब 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने RSS की राजनीतिक शाखा, भारतीय जनसंघ (बीजेएस) की स्थापना की, तो लालकृष्ण आडवाणी पार्टी की राजस्थान यूनिट के सेक्रेटरी बने और 1970 तक इस ओहदे पर कायम रहे.