अब तक 53 लोगों को मिला है देश का ये सर्वोच्च नागरिक सम्मान; ये 5 मुस्लिम भी हैं `भारत रत्न`
Muslims Bharat Ratna Award: भारत सरकार अबतक देश के 53 लोगों को भारत रत्न अवार्ड से सम्मनित कर चुकी है. यह भारत का सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड होता है. इससे बड़ा देश में कोई दूसरा सम्मान नहीं है. आइए जानते हैं भारत के इस हाईएस्ट सिविलन अवार्ड को पाने वाले वो पांच मुसलमान कौन हैं?
Muslims Bharat Ratna Award: इस साल देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों समेत 5 लोगों को भारत रत्न से नवाजा गया है. मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर, लाल कृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और M. S. स्वामीनाथन को इस खिताब से नवाजने का फैसला किया है. सबसे पहले बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को 26 जनवरी को भारत रत्न से नवाजा गया था. इसके बाद 3 फरवरी को लाल कृष्ण आडवाणी को नवाजा गया और आज यानी 9 जनवरी को दो प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव समेत हरित क्रांति के जनक M. S. स्वामीनाथन को नवाजा है.
53 लोगों को मिल चुका है भारत रत्न
भारत सरकार अबतक देश के 53 लोगों को भारत रत्न अवार्ड से सम्मनित कर चुकी है. यह भारत का सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड होता है. इससे बड़ा देश में कोई दूसरा सम्मान नहीं है. ख्हस बात यह है कि ये अवार्ड पाने वाले 53 लोगों में 5 मुस्लिम भी शामिल हैं. इनमे तीन राजनेता, एक वैज्ञानिक और एक संगीतकार शामिल हैं. आइए जानते हैं भारत के इस हाईएस्ट सिविलन अवार्ड को पाने वाले वो पांच मुसलमान कौन हैं ?
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन
साल 1963 से लेकर अब तक 5 मुस्लिम हस्तियों को भारत रत्न से नवाजा गया है. सबसे पहले साल 1963 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन को भारत रत्न से नवाजा गया था. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे. जाकिर हुसैन को कौन नहीं जानता है. उन्होंने देश की आजादी के ऐसे दीवाने थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के अह्वाहन पर अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई का बहिष्कार कर दिया था.
खान अब्दुल गफ्फार खान
भारत रत्न अवार्ड अमूमन भारतीयों को ही दिया जाता है. खान अब्दुल गफ्फार खान यह अवार्ड पाने वाले पहले गैर भारतीय और पहले पाकिस्तानी थे, जिन्हें ये सम्मान दिया गया. साल 1987 में उनको भारत रत्न से नवाजा गया था. देश के बंटवारे के बाद खान अब्दुल गफ्फार खान पाकिस्तान के खिलाफ स्वतंत्र पश्तूनिस्तान आंदोलन के अगुआई कर रहे थे, जिसकी वजह से वह अफगानिस्तान चले गए और इसके बाद फिर कुछ सालों बाद भारत में रहने लगे, फिर वो वापस अपने वतन चले गए थे. जहां उनको नजरबंद कर दिया गया था. इस दौरान साल 1988 को पेशावर में निधन हो गया था.
मौलाना अबुल कलाम आजाद
देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को 1992 में भारत रत्न नवाजा गया था, जिनके जन्मतिथि पर हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. अबुल कलाम ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था. उनका जन्म 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था. उनके फादर का नाम मौलाना खैरुद्दीन और अम्मी का नाम आलिया था. मौलाना अबुल कलाम आजाद कई भाषाओं के जानकार थे. फ़ारसी, तुर्की, उर्दू और अरबी पर अच्छी पकड़ थी. उन्होंने 12 साल की उम्र में 'नैरंग-ए-आलम' की एक पत्रिका निकाली थी.
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
साल 1997 में मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मुल्क में Ballistic Missiles और टेक्नोलॉजी को सक्सेफुली इंडीपेंडेंट बनाने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है. साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में अब्दुल कलाम ने मुख्य वैज्ञानिक एडवाइजर के रूप में 5 Nuclear Test की अगुआई की थी. Pokhran-II Nuclear Test की अगुआई कर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उस वक्त प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसके बाद से ही उन्हें मुल्क का Best Nuclear Scientist कहा जाता है. जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक मुल्क के वो Nuclear Testing Department के प्रमुख रहे. वह भारत के राष्ट्रपति भी रहे हैं. वह साल 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति बने थे.
उस्ताद बिस्मिल्ला खां
साल 2001 में मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां को भारत रत्न से नवाजा गया था. उनका जन्म बिहार के डुमराँव गांव में हुआ था. वह तीसरे भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था. संगीत के दुनिया में शहनाई को एक अलग पहचान दिलाने का क्रेडिट भी बिस्मिल्ला खां को जाता है. उस्ताद बिस्मिल्ला खां ने ही भारत की आजादी के बाद सबसे पहले अपनी शहनाई की मधुर तान छेड़ी थी. लाल किले से पीएम जवाहर लाल नेहरू के भाषण के बाद शहनाई वादन किया था.