Bhavnagar Murder: गुजरात के भावनगर में एक दलित महिला की हत्या कर दी गई है. 45 वर्षीय महिला को हत्या से पहले चार पुरुषों ने प्रताड़ित किया था. इस मसले को लेकर पुलिस उपाधीक्षक आरआर सिंघल ने कहा है कि शैलेश कोली, रोहल कोली और उनके दो अज्ञात साथियों ने गीताबेन मारू पर स्टील पाइप से हमला किया और सोमवार को उनकी मौत हो गई.


चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चारों आरोपियों के खिलफ आईपीसी की धारा और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या, हमला और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया है कि हमने रविवार शिकायत दर्ज कर ली और शैलेश कोली, उसके दोस्त रोहल कोली और उनके दो अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर ली है.


मृतका का परिवार और स्थानीय दलित नेताओं ने भावनगर के सर तख्तसिंहजी जनरल अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने तब तक उसके लाश को लेने से इंकार किया जब तक कि सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया गया. एफआईआर के मुताबिक मारू (मृतका) के कई जगहों पर फ्रैक्चर था. इसके साथ ही आरोपी मारू के पति और उसकी बेटी को भी डरा रहे थे, ताकि उन्हें इलाका छोड़ना पड़ जाए.


क्या है पूरा मामला?


एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने लिखा कि गुजरात में दलित हत्या और अत्याचार का एक और मामला सामने आया है. कोविड के लॉकडाउन वक्त भावनगर ज़िले के युवक गौतम मारू पर असामाजिक तत्वों के जरिए जानलेवा हमला होता है. फिर हमले की एट्रोसिटी कानून के तहत पुलिस शिकायत होती हैं. अब जब मामला कोर्ट में बोर्ड पर आया तो आरोपी डर के मारे शिकायतकर्ता को समझोता करने के लिए कई दिनों से धमकी दे रहे थे.



उन्होंने आगे लिखा,"लेकिन गौतम का परिवार समझोते के लिए नहीं माना. वह कोर्ट के ज़रिए न्याय चाहता था. नतीजा यह हुआ कि आरोपियों ने कल गौतम की माँ गीताबेन पर जानलेवा हमला किया, फिर उन्हें भावनगर के सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया गया और इलाज के दौरान उन्होंने आज अपना दम तोड़ दिया. कल संविधान दिवस के दिन यह हमला किया गया. यह बताता है की राज्य में गुंडों के हौसले कितने बुलंद हो चुके हैं और गुजरात सरकार हमेशा की तरह दलित, वंचित और शोषितो के मुद्दो पर मूर्ख प्रेक्षक बनी हुई है."