Bhojshala ASI Survey: एसआई ने धर की भोजशाला में साइंटिफिक सर्वे की शुरुआत कर दी है. टीम फिलहाल कैंपस के अंदर है. बता दें, भोजशाला मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल धार जिले में संरक्षित 11वीं सदी का स्मारक है. धार जिला प्रशासन को लिखे पत्र में भोपाल एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि संगठन राज्य उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण और वैज्ञानिक जांच करेगा.


आलोक त्रिपाठी ने कही थी ये बात


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बीते रोज त्रिपाठी ने कहा था कि "टीम शुक्रवार को पहुंचेगी और इसीलिए हमने पुरातात्विक जांच करने के लिए साइट तक सुरक्षित पहुंच और ठहरने और काम के दौरान पर्याप्त सुरक्षा का अनुरोध किया है." उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की एक टीम अदालत के कहे अनुसार छह सप्ताह के अंदर सर्वे को पूरा करेगी.


क्या है भोजशाला का मामला?


मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को एएसआई को भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था, जिसके बारे में हिंदुओं का मानना है कि यह देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है और मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद मानता है. भोपाल एएसआई अधीक्षक मनोज कुर्मी ने कहा था कि अदालत के निर्देशानुसार, एएसआई विवादित स्थल और परिधीय रिंग क्षेत्र के पूरे 50 मीटर क्षेत्र के जीपीआर-जीपीएस सर्वेक्षण के नवीनतम तरीकों, तकनीकों और तरीकों को अपनाकर वैज्ञानिक जांच, सर्वेक्षण और उत्खनन करेगा. 


उन्होंने आगे कहा,"जमीन के ऊपर और नीचे विभिन्न संरचनाओं की उम्र और जीवन का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग पद्धति को अपनाकर एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच की जाएगी; जमीन के नीचे और ऊपर दोनों जगह स्थायी, चल और अचल संरचनाएं, जो पूरे परिसर की दीवारों, स्तंभों, फर्शों, सतहों, ऊपरी शीर्ष, गर्भगृह का निर्माण करती हैं.'' एसपी ने कहा,"एसपी ने कहा कि इस बीच, 2003 में एएसआई के जरिए की गई व्यवस्था के अनुसार दोनों समुदाय साइट पर प्रार्थना करना जारी रखेंगे."