खगड़ियाः सरकारी कार्यालयों द्वारा लापरवाही के बहुत सारे ऐसे मामले सामने आते हैं, जिससे कई बार आम नागरिकों की जान पर बन आती है. पिछले माह ही मध्य प्रदेश के बिजली विभाग ने एक उपभोक्ता के यहां तीन अरब को बिजली बिल भेज दिया था, जिससे घर का मुखिया समेत कई सदस्य चिंता में बीमार पड़ गया था. लेकिन उसे बिल भेजा गया था तीन अरब का. हालांकि बाद में बिजली विभाग ने इसे टाइपिंग एरर बताकर बिल वापस ले लिया था. अब ताजा मामला बिहार से आया है, जहां आयकर विभाग ने एक दिहाड़ी मजदूर के यहां 37.5 लाख रुपये का बकाया भुगतान की नोटिस भेज दिया है. एक दिहाड़ी मजदूर के लिए आयकर विभाग से 37.5 लाख रुपये का बकाया नोटिस मिलना बिलकुल वैसा ही अनुभव था बिना खाए किसी होटल का बिल चुकाना. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गिरीश यादव दिल्ली में करता है मजदूरी 
रोजाना करीब 500 रुपये कमाने वाले खगड़िया जिले के मघौना गांव निवासी गिरीश यादव ने इस संबंध में अपने इलाके के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उसने कहा है कि आयकर विभाग से उसे 37.5 लाख रुपये का बकाया भुगतान की नोटिस भेजा गया है. नोटिस मिलने के बाद पूरा परिवार दहशत में आ गया है. परिवार को लगता है कि अगर पैसे जमा नहीं किए तो घर के लोगों को पुलिस पकड़कर जेल में डाल देगी. नोटिस मिलने के बाद घर के लोगों की रोतां की नींद हराम हो गई है और लोग इधर-उधर भागे फिर रहे हैं. गिरीश यादव का कहना है कि मेरी औकात 3700 रुपये देने की नहीं है, 37 लाख कहां से लाकर दूंगा. 


धोखाधड़ी का हो सकता है मामला 
अलौली थाना प्रभारी पुरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में शिकायत मिलने पर हमने मामला दर्ज कर लिया है. गिरीश द्वारा शेयर की गई जानकारी की बुनियाद पर जांच शुरू कर दी गई है.  उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यह धोखाधड़ी का मामला प्रतीत होता है. शिकायतकर्ता को उसके नाम से जारी पैन नंबर के आधार पर नोटिस मिला है. थाना अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसके अलावा नोटिस में गिरीश को राजस्थान स्थित एक कंपनी से जुड़े होने की बात कही गई है, लेकिन गिरीश का कहना है कि वह वहां (राजस्थान) कभी गया ही नहीं. गिरीश का कहना है कि वह दिल्ली में मजदूरी का काम करता है, जहां उसने एक बार एक दलाल के जरिए पैन कार्ड बनवाने की कोशिश की थी, लेकिन उसके बाद उस दलाल से कभी उसकी मुलाकात नहीं हुई. 
 


ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in