पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ही अपोज़िशन पार्टियां अक्सर आदाद व शुकाम में हेराफेरी का इल्ज़ाम आयद करती रही हैं. इस बीच बुधवार को हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से जारी आंकडों में अचानक मरने वालों की तादाद में हुई तेज़ी को लेकर एक बार फिर रियासत की सियासत गर्म हो गई.


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हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक रियासत में कोरोना से अब तक 9429 लोगो की मौत हो चुकी है. जबकि मंगलवार को जारी आंकडों के मुताबिक कोरोना से मरने वालों की कुल तादाद कुल 5,458 दर्ज की गई थी. आंकडों के मुताबिक सात जून को मरने वालों की कुल तादाद 5,424 थी.


इधर,  हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत ने कहा कि कोरोना की वजह से होने वाली मौत की फिर से जांच कराई गई, जिससे यह आंकडा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि मौत के नए मामलों को हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से 18 मई को गठित मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य और जिलों में सिविल सर्जनों की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट की रिपोर्ट की बुनियाद पर जोड़ा गया है.


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उन्होंने बुधवार को बताया कि आम तौर से रोज़ाना कोरोना से होनेवाली मौत के आंकड़े जमा किए जा रहे हैं. इसके मुताबिक, सात जून तक रियासत में कुल 5,424 लोगों की मौत के आंकड़े मिले थे, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेजों की जानिब से नए सिरे से कोरोना से होनेवाली मौत की पड़ताल की गई. अब रियासत में कोरोना से होनेवाली मौत का आंकड़ा 9,375 (सात जून तक) हो चुका है.


कोरोना से मौत में अचानक हुई वृद्धि पर सियासी घमासान
इधर, राज्य में अचानक मरने वालों की संख्या में हुई वृद्धि के बाद सियासत गर्म हो गई है.


विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गृरुवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर वज़ीरे आला नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.


उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'नीतीश जी, इतनी झूठ मत बोलिए और बुलवाइए कि उसके बोझ तले दबने के बाद कभी उठ ना पाएं. जब फंसे तो एकदम से एक दिन में 4000 मौतों की तादाद बढ़ा दी. नीतीश सरकार मौतों का जो आंकड़ा बता रही है, उससे 20 गुणा ज्यादा मौतें हुई हैं. नीतीश सरकार ही फर्जी है तो आंकड़े भी तो फर्जी होंगे. 



इधर, जन अधिकार पार्टी के सरबराह और पूर्व सांसद पप्पू यादव के ट्विटर हैंडल से सवालिया लहजे में ट्वीट कर लिखा गया, 'बिहार में मौत घोटाला ! पटना में कल 1000 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत की क्या है सच्चाई? कहा जा रहा है कि पहले मौत के आंकड़ों को छुपाया गया था, अब उन्हें जारी किया गया है. आखिर यह खेल किसका है? हेल्थ डिपार्टमेंट में मौत के आंकड़ों का घोटाला कौन कर रहा है?'


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हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत ने बताया कि 18 मई को ही बिहार सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर जांच कराने का फैसला किया था.  जिसके बाद दो टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने अस्पतालों में हुए मौतों और दूसरी जगहों जैसे आइसोलेशन सेंटर, होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में हुई मौतों का रिकॉर्ड तैयार करवाया गया.
(इनपुट- आईएएनएस)


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