Muslims With Jan Suraaj: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनका ‘जन सुराज’ अभियान एक शक्तिशाली राजनीतिक विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो रहा है, खासकर बिहार के मुसलमानों के बीच यह मुहिम जोर पकड़ रही है. रविवार को हज भवन में एक समारोह को संबोधित करते हुए ‘इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’ (I-PAC) के संस्थापक किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि उनका अभियान मुस्लिम समुदाय के भीतर मजबूत पकड़ बना रहा है, जिसका उद्देश्य 2025 के विधानसभा चुनाव में एक राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरना है. 


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मुसलमानों को नसीहत
इस प्रोग्राम में राज्य के पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन और जन सुराज समर्थित एमएलसी (विधान परिषद के सदस्य) अफाक अहमद सहित प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अल्पसंख्यक समुदाय की भागीदारी पर अपने विचार साझा किए. राज्य में मुसलमानों के बीच सबसे पसंदीदा पार्टी माने जाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर कटाक्ष करते हुए किशोर ने सीधे तौर पर उनका नाम लिए बिना कहा, "जबकि, दूसरे लोग लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) का आनंद ले रहे हैं, मुसलमानों को लालटेन के लिए ईंधन नहीं बनना चाहिए. उन्हें राजनीतिक बंधुआ मजदूर बनना बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय महात्मा गांधी और बी.आर. आंबेडकर के आदर्शों में विश्वास रखने वाले हिंदुओं के साथ मिलकर अपने बच्चों के भविष्य के लिए मतदान करना चाहिए." 


क्या है जमीनी हकीकत?
हालांकि पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले शहरी मोहम्मद शाकिब बताते हैं कि मुसलमान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ है. वह उसी के साथ बना रहेगा. मुसलमान नई पार्टियों पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं करता है. वहीं कटिहार से ताल्लुक रखने वाले शकील अहमद कहते हैं कि प्रशांत किशोर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आदमी हैं. मुसलमान प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' के साथ कभी नहीं जाएगा. वह हमेशा जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के साथ रहेगा.