Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. देश की सभी राजनीतिक पार्टियां अपने वोटरों को साधने के लिए अपने-अपने हिसाब से चुनावी प्रचार कर रही हैं. ऐसे में भाजपा भी वोटरों को साधने के लिए हर मुम्किन कोशिश कर रही है. भाजपा ने बीते सालों में अपने वोटरों में बढ़ोतरी करने के लिए कई कोशिशें की हैं. इसका नतीज है कि भाजपा साल 2014 में और 2019 में सत्ता पर काबिज हुई. लेकिन विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम विरोधी बताते हैं. 


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सवर्णों की पार्टी भाजपा
बता दें कि भाजापा को पहले सवर्णों की पार्टी कहा जाता था, लेकिन साल 2014 के बाद पार्टी की छवि बदली है. पार्टी पिछड़ों, दलितों और नीची जाति वालों को साध कर चल रही है. जानकारों का मनना है कि भाजपा को बिहार में इसका फायदा नहीं मिला है. सत्ता में रहते हुए भाजपा ने कई ऐसी योजनाएं चलाईं जिससे पिछड़ों और नीची जाति को काफी फायदा हुआ है. 


पिछड़ों के लिए योजनाएं
सरकार ने उज्जवला योजना, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर और 10 करोड़ टायलेट बनाने का दावा करते हुए पार्टी ने यह बताने की कोशिश की कि वह हर तबके के लिए काम कर रही है. भाजपा का कहना है कि केंद्र से जब भी कोई योजना पास होती है तो उसके इंपलीमेंटेशन के लिए धर्म नहीं पूछा जाता है. कह सकते हैं कि भाजपा इस बयान से मुस्लिमों को साधने की कोशिश कर रही है.


मुस्लिमों को साधने की कोशिश
जनसत्ता ने लिखा है कि भाजपा लंबे वक्त से मुस्लिम समाज को साधने की कोशिश कर रही है. साल 2019 में तीन तलाक कानून पास किया गया. इसके बाद दावा किया गया कि भाजपा को फायदा हो रहा है. दावा है कि 5 फीसद मुसलमानों ने भाजपा को वोट किया. उत्तर प्रदेश में 5 से 8 फीसद मुसलमानों ने वोट डाला. 


पसमांदा मुस्लिमों पर नजर
माना जाता है कि भाजपा ने पसमांदा मुसलमानों को साधने की कोशिश की है. यह वह वर्ग है जो मुसलमानों में भी पिछड़ा है. इनकी आबादी 85 फीसद है. यह लोग आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं. 


2024 की तैयारी
साल 2024 में मुसलमानों को साधने के लिए भाजपा बड़ी तैयारी कर रही है. भाजपा नेताओं का दावा है कि मुस्लिम वोटरों को लगने लगा है कि भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोक पाना मुश्किल है, इसलिए वह भी भाजपा को वोट करने का मन बना रहे हैं. उम्मीद है इस बार भाजपा का वोट बैंक बढ़ेगा.


भाजपा ने उठाए कदम
भाजपा ने मुस्लिम समाज से बात करने के लिए कई कदम उठाए हैं. भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा बनाया है. यह मोर्चा मुसलमानों से बात करने के लिए 23 हजार बार प्रोग्राम कर चुका है. इसने देश की 1500 विधानसभाओं को कवर किया है. देश में भाजपा ने 65 ऐसी सीटों को चुना है जिन पर मुसलमानों का दबदबा है. इन पर जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाई है. भाजपा के मुस्लिम मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के मुताबिक भाजपा की तरफ से जोड़े गए सूफी समाज के लोग और मोदी मित्र लोगों से मिलकर भाजपा को वोट करने के लिए प्रेरित करेंगे.