UP निकाय चुनाव में BJP मुस्लिम उम्मीदवारों को भी देगी टिकट; पार्टी का बड़ा फैसला
BJP tickets to Muslim candidates in UP civic polls: आमतौर पर चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट ने देने वाली भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश ईकाई ने तय किया है कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी मुस्लिम उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने के लिए टिकट देगी.
बलियाः भाजपा ने पिछले आम चुनाव और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट (Ticket to Muslims Candidates) नहीं दिया था. इस बात के लिए विपक्षी दल भाजपा की हमेशा आलोचना करते हैं, और पार्टी के 'सबका साथ और सबका विकास’ के नारों और दावों पर सवाल उठाते रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी ने इस बार स्थानीय निकाय चुनाव (UP civic polls) में मुस्लिमों को भी टिकट देने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Minister Danish Azad Ansari,) ने सोमवार को कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में मुस्लिम समाज के लोगों को भी टिकट देने जा रही है.
योग्यता के आधार पर टिकट दिया जाएगा
अंसारी ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में कहा, "भाजपा आगामी नवंबर-दिसंबर में संभावित उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में मुस्लिम समाज के उम्मीदवारों को भी टिकट देगी.’’ प्रदेश की भाजपा सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम कर रही है, और इस वर्ग के जो युवा स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी का टिकट चाहतें हैं, उन्हें योग्यता के आधार पर टिकट दिया जाएगा.
सर्वे के बाद मदरसों को सुविधाएं देगी सरकार
गौरतलब है कि भाजपा चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने से आमतौर पर परहेज करती रही है. यूपी के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था. बाद में दानिश आजाद को विधान परिषद् के रास्ते सरकार में मंत्री बनाया गया था. प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद ने राज्य के निजी मदरसों के कराए जा रहे सर्वे के बारे में पूछे जाने पर बताया कि इस सर्वे का मकसद मदरसों को सुविधाएं देकर उन्हें और सक्षम और मजबूत बनाना है. उन्होंने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद जरूरत वाले मदरसों में बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी. सरकार चाहती है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को भी नौकरी और रोजगार के बेहतर मौके उपलब्ध हों.
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