'राष्ट्रपति यून को हिरासत में लें', वॉरंट पर साउथ कोरिया पुलिस से बोली एंटी करप्शन एजेंसी
Advertisement
trendingNow12589749

'राष्ट्रपति यून को हिरासत में लें', वॉरंट पर साउथ कोरिया पुलिस से बोली एंटी करप्शन एजेंसी

South Korea President Impeachment: सूत्रों ने बताया कि सीआईओ के पत्र के कारण पुलिस के भीतर यह शिकायत बढ़ रही है कि एजेंसी पिछले शुक्रवार को वारंट को निष्क्रिय रूप से निष्पादित करने के बाद अपनी जिम्मेदारियों को ट्रांसफर करने की कोशिश कर रही है.

'राष्ट्रपति यून को हिरासत में लें', वॉरंट पर साउथ कोरिया पुलिस से बोली एंटी करप्शन एजेंसी

South Korea Politics: दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने पुलिस से गुजारिश की है कि वे महाभियोग झेल रहे राष्ट्रपति यून सुक-योल को हिरासत में लेने के वॉरंट को लागू करें. यह मामला राष्ट्रपति की ओर से मार्शल लॉ लागू करने की असफल कोशिश से जुड़ा है.

योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने वॉरंट खत्म होने से एक दिन पहले रविवार देर रात एक आधिकारिक पत्र में अनुरोध किया.

पुलिस ने कही ये बात

एक पुलिस अधिकारी ने योनहाप समाचार एजेंसी को बताया कि सीआईओ ने बिना किसी पूर्व सलाह के हमारे सहयोग का अनुरोध करते हुए हमें एक आधिकारिक पत्र भेजा है. हम आंतरिक रूप से एक कानूनी समीक्षा कर रहे हैं.

पिछले शुक्रवार को सीआईओ ने राष्ट्रपति आवास पर घंटों चले गतिरोध के बाद वॉरंट लागू करने की अपनी कार्रवाई रोक दी थी. एजेंसी 3 दिसंबर को यून की ओर से मार्शल लॉ लागू करने के मामले में संयुक्त जांच करने के लिए पुलिस और रक्षा मंत्रालय की जांच इकाई के साथ काम कर रही है.

वॉरंट के खत्म होने से पहले, सीआईओ के पास दो विकल्प थे - या तो वे दोबारा यून को हिरासत में लेने की कोशिश करते या वारंट की अवधि बढ़ाने की मांग करते.

पुलिस के अंदर बढ़ रही शिकायत

सूत्रों ने बताया कि सीआईओ के पत्र के कारण पुलिस के भीतर यह शिकायत बढ़ रही है कि एजेंसी पिछले शुक्रवार को वारंट को निष्क्रिय रूप से निष्पादित करने के बाद अपनी जिम्मेदारियों को ट्रांसफर करने की कोशिश कर रही है.

यून की कानूनी टीम ने वॉरंट को अवैध और अमान्य बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि सीआईओ तकनीकी रूप से उन विद्रोह के आरोपों की जांच करने के लिए अधिकृत नहीं है, जिनका सामना यून अपने मार्शल लॉ आदेश के कारण कर रहे हैं.

इससे पहले रविवार को सियोल की एक अदालत ने राष्ट्रपति यून की ओर से दायर निषेधाज्ञा को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें हिरासत में लेने और राष्ट्रपति निवास की तलाशी लेने के लिए अदालती वॉरंट को अमान्य करने की मांग की गई थी.

सियोल वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने यह फैसला यून की कानूनी बचाव टीम की ओर से वॉरंट के प्रभाव को निलंबित करने के लिए आपत्ति दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद लिया, जिसे उन्होंने अवैध बताया था.
इस पर यून के वकील ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर विचार करेंगे."

इसी अदालत ने 3 दिसंबर को असफल मार्शल लॉ की कोशिश में यून को हिरासत में लेकर पूछताछ करने और राष्ट्रपति आवास की तलाशी लेने के लिए वॉरंट जारी किया था.

 

Trending news