Bobby Kataria Arrested: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बलवंत कटारिया उर्फ बॉबी कटारिया को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है. बॉबी को उत्तर प्रदेश के दो युवकों की कथित मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि कटारिया के खिलाफ गुरुग्राम के बजघेरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 370 के तहत मामला दर्ज किया गया है.


बोबी कटारिया गिरफ्तार


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शिकायतकर्ता, उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर निवासी अरुण कुमार और हापुड निवासी मनीष तोमर ने कहा कि वे बेरोजगार थे. वे इंस्टाग्राम के जरिए कटारिया के संपर्क में थे. शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि बॉबी के यूट्यूब चैनल एमबीके पर उन्होंने विदेश में नौकरी के बारे में एक विज्ञापन देखा. इसके बाद उन्होंने बॉबी कटारिया को उनके व्हाट्सएप पर कॉल किया. बॉबी ने उन्हें विदेश में नौकरी दिलाने के बहाने सेक्टर 109 स्थित अपने ऑफिस में मिलने बुलाया.


शिकायतकर्ती ने दिए 2 हजार रुपये


इसके बाद शिकायतकर्ता ने 1 फरवरी 2024 को कटारिया से उनके कार्यालय में मुलाकात की और पंजीकरण के लिए ₹2,000 का भुगतान किया. इसके बाद बॉबी कटारिया के अनुरोध पर 13 फरवरी को ₹50,000 उनके आधिकारिक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए जो एमबीके ग्लोबल वीज़ा प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड था.


1 लाख रुपये किए ट्रांसफर


इसके बाद 14 मार्च को बॉबी के निर्देश पर अंकित शौकीन नाम के एक शख्स के खाते में एक लाख रुपये की और रकम ट्रांसफर कर दी गई. कटारिया ने शौकीन के व्हाट्सएप से वियनतियाने (लाओस) के टिकट भेजे. 28 मार्च को, बॉबी कटारिया के डायरेक्शन के मुताबिक, कुमार ने हवाई अड्डे पर ₹ 50,000 को यूएसडी में बदलवाया और वियनतियाने के लिए उड़ान में सवार हो गए.


फ्लाइट लैंड होते ही हुई इस शख्स से मुलाकात


इसी तरह उनके दोस्त मनीष तोमर से भी न सिर्फ सिंगापुर भेजने के नाम पर लाखों रुपये लिए गए, बल्कि उन्हें वियनतियाने की फ्लाइट में भी बैठाया गया. जब वे दोनों वियनतियाने एयरपोर्ट पर उतरे तो उनकी मुलाकात अभि नाम के एक शख्स से हुई. जिसने खुद को बॉबी कटारिया का दोस्त और पाकिस्तानी एजेंट बताया.


वियनतियाने में हुई पिटाई


उसने उन्हें वियनतियाने के होटल मिकेन सन में छोड़ दिया, जहां वह अंकित शौकीन और नितीश शर्मा उर्फ रॉकी नाम के शख्स से मिले. वे पीड़ितों को एक गुमनाम चीनी कंपनी में ले गए. वहां दोनों दोस्तों को जमकर पीटा गया और उनके पासपोर्ट छीन लिए गए.


आरोप है कि उन्हें अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया गया. दोनों को धमकी दी गई कि अगर उनके कहे मुताबिक काम नहीं किया तो वे भारत नहीं लौट पाएंगे और उन्हें वहीं मार दिया जाएगा. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया,"महिलाओं सहित लगभग 150 भारतीयों को नौकरी के बहाने बॉबी कटारिया जैसे दलालों द्वारा मानव तस्करी के माध्यम से उस कंपनी में लाया गया था, किसी तरह, हम वहां से भाग निकले और भारतीय दूतावास पहुंचे और भारत वापस आकर कटारिया के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.".