लखनऊः उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के जरिए लाई गई नई जनसंख्या पालिसी के प्रस्ताव पर अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सदर और उत्तर प्रदेश की साबिक वजीर-ए-आला मायावती ने मंगल प्रस्तावित कानून पर शक जताया है. उन्होंने इल्जाम लगाया है कि इसमें लोगों को सरकार की संजीदगी कम और चुनावी मफाद ज्यादा दिख रहा है. मायावती ने मंगल को ट्वीट किया, ’’उत्तर प्रदेश की भाजपा हुकूमत के जरिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाया जा रहा नया बिल, इसके फायदे-नुकसान से ज्यादा बढ़ती आबादी जैसे बड़े मसले  के प्रति संजीदगी और इसे लाए जाने के वक्त को लेकर सरकार की पालिसी और नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है.’’ लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है.



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आबादी नियंत्रण में जोर-जबर्दस्ती ठीक नहीं हैः माया 
बसपा की सदर ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ’’अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार थोड़ी भी संजीदा होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिए था जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में बेदारी पैदा करती तो अब यहाँ विधानसभा चुनाव के वक्त तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे.’’ उन्होंने कहा कि रियासत और मुल्क की आबादी को बेदार, तालीम याफ्ता व रोजगार देकर उसे मुल्क की ताकत और सम्मान में तब्दील करने में भाजपा बूरी तरह से नाकाम रही है. इसी नाकामी को छुपाने के लिए भाजपा अब कांग्रेस की पहले की सरकारों की तरह जोर-जबर्दस्ती और लोगों को दंडित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है, जो अवाम की नजर में पूरी तरह नाजायज है. 

अपनी नाकामी छुपाने को सरकार ला रही बिलः चौधरी 
सरकार के इस प्रस्ताव के बाद सियासी जमातों का इस पर मुसलसल रद्देअमल आ रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में हिज्बे मुखालिफ रहनुमा राम गोविंद चौधरी ने जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने के योगी सरकार के कदम को अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने की कोशिश करार देते हुए कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण समाज में बेदारी लाने के जरिये ही मुमकिन है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार कानून व्यवस्था से लेकर महंगाई, रोजगार व हर मोर्चे पर नाकाम व पस्त हो गई है. योगी सरकार अब अपनी नाकामियों से आम लोगों का ध्यान हटाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण बिल ला रही है.

क्या है प्रस्तावित बिल में ?
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इस बिल का ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. आयोग के जरिए 19 जुलाई तक अवाम से इस पर राय मांगी गई है. बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक, इसमें दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर मकामी निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही दो से ज्यादा बच्चे वाले खानदानों को सरकारी मंसूबों का भी फायदा नहीं दिए जाने का जिक्र है.


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