गुलाम नबी आजाद बन सकते हैं राष्ट्रपति? PM मोदी के आंसू और इस बात ने दिया इशारा
President Election 2022: देश में राष्ट्रपति चुनावों से कयासों का दौर शुरू हो चुका है. इसमें कई नाम शामिल हैं. एक नाम गुलाम नबी आज़ाद का भी चर्चा में बना हुआ है. कुछ लोगों का मानना है कि NDA आजाद को भी उम्मीदवार बना सकता है और यह भाजपा का मास्टरस्ट्रोक होगा.
Ghulam Nabi Azad 9 फरवरी 2021 का वो दिन आपको भी याद होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में खड़े होकर खिताब कर रहे थे और उनका गला भर आया था. नहीं, पीएम मोदी का गला नहीं भरा था, बल्कि उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और कई बार तो वो अपनी बात मुकम्मल भी नहीं कर पाते थे, फिर इशारे से लोगों तक अपनी भावना पहुंचाते दिखे थे. क्योंकि वो उस समय इतना भावुक थे कि उनके गले में अल्फाज़ फंस रहे थे. अगर आप अब भी नहीं सझे कि वो क्यों रहे थे तो हम बता देते हैं कि उस कांग्रेस नेता और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत 4 लोगों की विदाई हो रही थी. पीएम मोदी गुलाम नबी आजाद के बारे में बात करते हुए इतना भावुक हो गए थे.
हम ये सब इसलिए बता रहे हैं क्योंकि अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. 18 जुलाई को वोटिंग होगी और 21 जुलाई को नतीजे आ जाएंगे. ऐसे में लोग यही सोच रहे हैं कि आखिर देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? हालांकि इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता. क्योंकि अभी किसी भी तरफ से किसी नेता के नाम का ऐलान नहीं तक भी नहीं किया गया. लेकिन हमेशा की तरह कुछ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. कई नामों के बीच एक नाम कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद भी चर्चा का मौजू बने हुए हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? तो हम इसके पीछे के कारण आपको बताने जा रहे हैं.
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दरअसल गुलाम नबी आज़ाद जम्मू-कश्मीर के उन नेताओं में शुमार किए जाते हैं जिनकी छवि राष्ट्रवादी है और भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं. गुलाम नबी आजाद ने कश्मीरी पंडित और पाकिस्तान समेत कई मुद्दों पर इस तरह के बयान दिए हैं जिनपर भाजपा भी हामी भरती नजर आई है. गुलाम नबी आज़ाद ने कश्मीरी पंडितों को लेकर कहा था कि आज जब में अपने पुराने साथियों से मिलता हूं तो वो बेघर हो चुके होते हैं. क्योंकि वे कश्मीरी पंडित हैं. इसके अलावा उन्होंने उन मुसलमानों को लेकर भी बड़ा बयान दिया था जो हिंदुस्तान में मुसलमानों पर जुल्म की बात करते हैं. उन्होंने कहा था कि मुसलमान खुशकिस्मत हैं कि वे हिंदुस्तान में हैं.
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इसके प्रधानमंत्री मोदी के दिल में गुलाम नबी आज़ाद की जगह भी उनके दावे को थोड़ा और मजबूत कर रही है. क्योंकि पीएम मोदी ने उनकी कुर्बानियों को जिस तरह से जिक्र किया था वो कोई आम बात नहीं थी. शायद गुलाम नबी आजाद इकलौते ऐसे विपक्ष के नेता हैं जिनके लिए पीएम मोदी की आंखों से लगातार आंसू निकले हों. साथ ही उनके भाषण में आजाद के लिए कही गई बातें भी बहुत अहमियत रखती हैं.
अपने खिताब के आखिर में पीएम मोदी ने कहा था,"मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी सौम्यता, नमृता, इस देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना कभी उनको चैन से बैठने नहीं देगी. मुझे यकीन है कि जो भी और जहां भी वो जिम्मेदारी संभालेंगे उसमें जरूर वेल्यु एडिशन करेंगे और देश को उनसे फायदा मिलेगा. यह मेरा पक्का यकीन है. मैं फिर एक बार उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद करता हूं और व्यक्तिगत रूप से भी मेरा उनसे आग्रह रहेगा कि मन में मानों कि अब आफ इस सदन में नहीं हो. आपके लिए मेरे द्वार हमेशा खुले हैं. आपके विचार, आपके सुझाव मुझे मिलते रहेंगे, ये उम्मीद में आपसे करता ही रहूंगा. आपको मैं निवृत्त (रिटायर्ड) होने नहीं दूंगा."
सुनिए पीएम मोदी का भाषण
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