नई दिल्लीः सीबीएसई ने 2024 में होने वाली 10वीं और 12वीं  की बोर्ड परीक्षाओं के लिए अपनी मूल्यांकन योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है. दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं में और ज्यादा बहुविकल्पीय प्रश्न शामिल किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, परीक्षा में छोटे या लंबे उत्तरों के वेटेज को कम किया जाएगा और मल्टीपल च्वॉइस क्वेश्चन की संख्या बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस कदम का मकसद राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों को लागू करना और मूल्यांकन पद्धति को आसान बनाना है. 


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हालाँकि, यह परिवर्तन सिर्फ 2023-24 शैक्षणिक सत्र तक के लिए ही होगा, क्योंकि अगले साल बोर्ड परीक्षाओं में नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के हिसाब से होना है. 
“राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 ने 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों में रचनात्मकता और बौद्धिक क्षमताओं के विकास करने पर बल देता है. इसमें रट्टामार कर सीखने की प्रक्रिया को हतोत्साहित किया गया है. बोर्ड परीक्षा में बदलाव की पहल कर रहा है, और शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए मूल्यांकन पद्धतियांं में भी सुधार करने पर विचार कर रहा है. सीबीएसई के निदेशक जोसेफ एमानुएल ने कहा कि आगामी सत्र में ज्यादा संख्या में योग्यता आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे जो वास्तविक जीवन स्थितियों और अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन करते हैं. कक्षा 10 में, 50 प्रतिशत क्षमता आधारित,  केस-आधारित और स्रोत-आधारित बहु वैकल्पिक सवाल पूछे जाएंगे. पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का वेटेज 40 फीसदी था. वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत वेटेज के साथ बढ़ाए जाएंगे. लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भार पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. 


इसी तरह, कक्षा 12 में, 40 प्रतिशत प्रश्न एमसीक्यू, केस-स्टडी और स्रोत-आधारित बहु वैकल्पिक सवाल पूछे जाएंगे. पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का वेटेज 30 फीसदी था. 12वीं कक्षा में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत वेटेज के साथ बहु वैकल्पिक श्रेणी के होंगे. लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भार पिछले साल के 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है.


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