Ban On SIMI: केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर यूएपीए के तहत 'गैरकानूनी संगठन' के रूप में प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है. इस बैन को बढ़ाए जाने का आदेश गृह मंत्रालय ने सोमवार (29 जनवरी) जारी किया, जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी.   


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गृह मंत्रालय के दफ्तर ने सोशल प्लेटफॉर्म X पर कहा,  “आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार के जीरो टॉलरेंस के तहत स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) प्रतबिंध किया है. सरकार ने सिमी पर UAPA के तहत पांच साल के लिए एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया है. 



 


केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि SIMI को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए, आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है. बता दें कि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार ने 1 फरवरी 2014 को बैन लगाया था. हालांकि, सिमी पर लगे प्रतिबंध को साल 2019 में पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था.


किसने बनाया था सिमी?
सिमी को साल 1977 में यूपी के अलीगढ़ में वेस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी मैकोम्ब में पत्रकारिता और जनसंपर्क के प्रोफेसर मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी ने  बनाया था. वहीं, इस संगठन को पहली बार साल 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था और उसके बाद इस पर प्रतिबंध लगाया गया.


इन हमलों में शामिल 
गौरतलब है कि सिमी के सदस्य पर देश में कई आतंकी हमलों में शामिल रहना का इल्जाम है, जिनमें साल 2014 में भोपाल जेल ब्रेक, 2014 में बेंगलुरु में एम चिन्नावामी स्टेडियम विस्फोट, 2017 में गया विस्फोट शामिल हैं. साथ ही सिमी उत्तर प्रदेश, समेत  केरल, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में संचालित हो रहा था.