पहले से ही ईडी के संरक्षण में चल रहे अवैध सट्टेबाजी ऐप महादेव ऑनलाइन बुक को सरकार ने रविवार को बैन कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने 21 दूसरे बेटिंग एप को भी बैन किया. 
एक बयान में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने कहा कि उसने महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए हैं. 


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गिरफ्तार हुए आरोपी


इसमें कहा गया है कि ईडी की तरफ से अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद कार्रवाई की गई, जिससे ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ. आरोपी भीम सिंह यादव, जो छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं, और असीम दास वर्तमान में हिरासत में हैं, उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. 


छत्तीसगढ़ सरकार पर इल्जाम


केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट या ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी. हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया गया है. राज्य सरकार पिछले 1.5 सालों से इसकी जांच कर रही है. वास्तव में, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और इस पर कार्रवाई की गई है. छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह के अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका.''


मुख्यमंत्री पर बड़ा इल्जाम


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्होंने ही महादेव ऐप पर प्रतिबंध लगाने और इसके प्रमोटरों के खिलाफ एलओसी जारी करने के लिए अनुरोध भेजा था, जबकि रविवार को एक आरोपी यह दावा करते हुए एक वीडियो बयान के साथ सामने आया कि मुख्यमंत्री ने खुद उन्हें यूएई भाग जाने के लिए कहा था.
महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा वांछित शुभम सोनी ने दुबई से एक वीडियो बयान में कहा कि वह ऐप का असली मालिक है और उसने 2021 में कंपनी बनाई थी और जुआ उसका व्यवसाय था. सब कुछ अच्छा चल रहा था, इसे हर तरफ से मदद मिलने लगा. बाद में उसे सुरक्षा की जरूरत पड़ी, क्योंकि कुछ लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा था.