हल्द्वानी: शहीद चंद्रशेखर हरबोला पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है. सेना के जवान, जिला प्रशासन और पुलिस के जवान चंद्रशेखर हरबोला के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे. इस दौरान बड़ी में लोग मौजूद रहे. सीएम धामी ने भी शहीद के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने शहीद को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम के साथ सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और मंत्री रेखा आर्य भी मौजूद थे. चंद्रशेखर हरबोला अल्मोड़ा के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता के निवासी थे.


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38 साल बाद पहुंचा पार्थिव शरीर


हल्द्वानी निवासी लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद उनके आवास पहुंचा है. हल्द्वानी के आर्मी ग्राउंड हेलीपैड पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से उनके पार्थिव शरीर को सरस्वती विहार धान मिल उनके आवास पर लाया गया. जहां परिवार के लोगों ने पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किये. 


पार्थिव शरीर के घर में पहुंचते ही परिवार के लोगों की सिसकियां निकलने लगी. स्थानीय लोगों ने उनके सम्मान में और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी गली को तिरंगामय किया गया. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए फूलों से सजी गाड़ी भी तैयार की गई थी. उनका पार्थिव शरीर पार्थिव शरीर उनके आवास पर पहुंचते ही भारत माता की जयकारों से गूंज उठा. 


सीएम धामी पहुंचे शहीद के घर


सीएम धामी भी शहीद चंद्रशेखर हरबोला के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे. सीएम धामी ने उनके परिवार के मुलाकात भी की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा शहीद चंद्रशेखर हरबोला के बलिदान को याद रखा जाएगा. उन्होंने कहा उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख है. सीएम धामी ने कहा चंद्रशेखर हरबोला एक परिवार के नहीं हैं, वे पूरे देश के हैं.


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उन्होंने कहा सैन्य धाम में भी उनकी स्मृतियों को संजोकर रखा जाएगा. उनके नाम पर स्कूल, सड़क और स्मारक की की मांग के सवाल पर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा परिवार की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी मांगों पर जरुर विचार किया जाएगा.


ऑपरेशन मेघदूत में शदीद हुआ जवान


सेना के जवान लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ रानीबाग के चित्रशिला घाट पर किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सीएम धामी भी शहीद के परिवार से मिलने पहुंचेंगे. सीएम धामी शहीद चंद्रशेखर हरबोला के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.


ऑपरेशन मेघदूत में थे शामिल: मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हरबोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे. वह 1975 में सेना में भर्ती हुए थे. 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन के लिए झड़प हो गई थी. भारत ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन मेघदूत रखा था.


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