सुप्रीम कोर्ट पहुंचा छपरा की जहरीली शराब का मामला, मरने वालों की तादाद हुई 53
Supreme Court: बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. जिसके चलते यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
Supreme Court: बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का मामला SC पहुंच गया है. एक वकील ने चीफ जस्टिस (CJI) की बेंच के सामने जल्द सुनवाई की मांग की. हालांकि CJI ने जल्द सुनवाई से इंकार किया. कहा- अगर मामला इतना अहम था, तो आपको मेंशनिग लिस्ट में शामिल करना चाहिए था. अब शीतकालीन अवकाश के बाद (जनवरी में) ही मामले की सुनवाई मुमकिन हो सकेगी. अर्ज़ी में जांच के लिए SIT गठन और पीड़ितों को मुनासिब मुआवजे की मांग की गई है.
बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की तादाद 53 हो गई है. सारण के जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, "हमने पिछले 48 घंटे में पूरे जिले में छापेमारी तेज कर दी है और जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है. 4,000 लीटर से ज्यादा नाजायज़ शराब बरामद की है." पुलिस सुपरिटेंडेंट संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या गिरफ्तार किए गए लोगों में हालिया जहरीली शराब मामले में सीधे तौर पर जुड़े लोग शामिल हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को हिदायत दी थी कि अगर लोग जहरीली शराब का सेवन करेंगे तो वे मौत को गले लगाएंगे. मुख्यमंत्री की तीखी टिप्पणी तब आई जब शराबबंदी की उनकी नीति पर राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने उनके पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर समेत कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बरसते हुए कहा कि शराबबंदी मेरी पर्सनल ख्वाहिश नहीं बल्कि राज्य की महिलाओं के विलाप का जवाब है और जो पिएगा वो मरेगा."
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