Habib Tanvir: छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौक़े पर दो नए पुरस्कारों का ऐलान किया है. यह पुरस्कार मशहूर रंगकर्मी, नाटककार और निर्देशक स्व. हबीब तनवीर और साहित्यकार व पर्यावरणविद् स्व. अनपम मिश्र के नाम पर दिए जाएंगे. रायपुर के शहीद स्मारक भवन में एक तक़रीब में सीएन बघेल ने इन पुरस्कारों का ऐलान किया. वॉटर रिचार्ज शोबे में काम करने वाले व्यक्ति को स्व. अनुपम मिश्र पुरस्कार मिलेगा, जबकि कला क्षेत्र से जुड़े लोग स्व. हबीब तनवीर के नाम से मिलने वाले पुरस्कार से नवाज़े जाएंगे. 



रायपुर में हाफ़िज़ अहमद ख़ान के घर लिया जन्म


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देश के ख्याति प्राप्त रंगकर्मी स्व. हबीब तनवीर का छत्तीसगढ़ से गहरा रिश्ता है. उनकी पैदाइश 1 सितंबर 1923 को रायपुर में हाफिज़ अहमद ख़ान के घर हुई थी.  1945 में हबीब तनवीर ने मुंबई का रुख़ किया और प्रोड्यूसर के रूप में आकाशवाणी में नौकरी शुरू की. वहां रहते हुए उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए गाने लिखे, फिल्मों में एक्टिंग की और कई ड्रामे लिखे. हबीब तनवीर को वर्ष 2002 में पद्म विभूषण ऐज़ाज़ से नवाज़ा जा चुका है.  हबीब तनवीर 1972 से 1978 तक राज्यसभा सांसद भी रहे. उनका नाटक चरणदास चोर, एडिनवर्ग इंटरनेशनल ड्रामा फेस्टिवल (1982) में अवार्ड हासिल करने वाला पहला भारतीय नाटक था.


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देश के प्रमुख पर्यावरणविदों में अनुपम मिश्र का शुमार


जाने- माने लेखक, एडिटर, छायाकार और गाांधीवादी पर्यावरणविद् स्व. अनुपम मिश्र का जन्म 1948 में महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था. वह हिंदी के मशहूर कवि भावनी मिश्र और सरला मिश्र के बेटे थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1969 में संस्कृत से पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद वे गाांधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़ गए. अनुपम मिश्र ने पर्यावरण के लिए उस वक़्त काम करना शुरू किया, जब देश में इसका कोई डिपार्मेंट ही नहीं था. उनकी कोशिश से राजस्थान के अलवर में जल संरक्षण का काम हुआ. इसके लिए मध्यप्रदेश हुकूमत ने उन्हें वर्ष 2007-2008 के  चंद्रशेखर आज़ाद नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया. बता दें कि अनुपम मिश्र को  वर्ष 2011 में देश के प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज और 1996 में इंदिरा गांधी पर्यावरण ऐज़ाज़ से नवाज़ा जा चुका है. 


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