बीजिंगः चीन में मंकी-बी वायरस से इंसान में फैलने वाले इंफेक्शन का पहला मामला पेश आया है. साथ ही इस वायरस की वजह से चीन में पहली मौत भी रिपोर्ट की गई है. चीन सीडीसी वीकली के मुताबिक, मार्च की शुरुआती महीने में दो मरे हुए बंदरों का पोस्टमार्टम करने के बाद बीजिंग के एक वेटरनरी सर्जन इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो गए थे, और बाद में 27 मई को उनकी मौत हो गई थी. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पेशेंट के करीबी संपर्क में आए सभी लोगों के टेस्ट कर लिए गए हैं और वे इस वायरस से महफूज पाए गए हैं. हालांकि सीडीसी ने कहा है कि जानवरों का इलाज करने वाले डॉक्टर, उनकी देखभाल करने वाले लोगों और रिसर्चर को जूनोटिक खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में इन लोगों की निगरानी करना बहुत जरूरी हो गया है. 


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संक्रमित शख्स में इस तरह के सामने आए थे लक्षण  
मंकी बी-वायरस से जिस 53 वर्षीय डॉक्टर की मौत हुई उन्हें पहले उल्टी उल्टी और बुखार के साथ न्यूरोलॉजिकल तकलीफे शुरू हुईं थी. इलाज के लिए उस डाॅक्टर को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां लगभग एक माह बाद 27 मई को उनकी मौत हो गई. सीडीसी वीकली के मुताबिक अप्रैल मध्य में रिसर्चर्स ने मरीज का सेरेब्रस्पाइनल फ्लूड लिया और उसकी सिक्वेसिंग की. इसमें अल्फाहर्पीसवायरस इंफेक्शन होने का शक हुआ. इसके बाद उनके और भी सैंपल लेकर चीन सीडीसी के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (आईवीडीसी) को भेजे गए थे. वहां सैंपल के आरटीपीसीआर टेस्ट किए, जिसमें बी-वायरस पॉजिटिव पाया गया था.

क्या होता है बी-वायरस  
मंकी बी-वायरस आमतौर पर सीधे संपर्क से और जिस्म से निकलने वाले फ्लूड के जरिए फैलता है. यह अफ्रीकी लंगूरों से पैदा हुआ वायरस है. अब तक इसके 60 मामले सामने आए हैं जिनमें से 70 से 80 फीसदी मामलों में मरीजों की मौत हो गई है. यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई रिपोर्ट के मुताबिक बी-वायरस जब इंसानों में संक्रमण फैलाता है तो उसके सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर को क्षतिग्रस्त कर देता है. संक्रमण की शुरूआती अलामत आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के करीब 1-3 सप्ताह बाद सामने आते हैं.


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