आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका जिसमें इसे अवैध कदम कहा गया था पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला 11 दिसंबर को दे दिया जिसमें उसने इस कदम को वैध करार दिया था, और जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने की पैरवी भी की थी. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने पर भी सुप्रीम कोर्ट का रवैया साफ था और इसे उसने विकास की दृष्टि से एक अहम कदम बताया था. अब इस फैसले के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और लद्दाख को लेकर अपना मत सामने रखा है. 
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय अदालत के इस फ़ैसले का लद्दाख को लेकर चीन के रुख़ पर कोई असर नहीं होगा. जब चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने लद्दाख के हिस्से पर अपना दावा जताया.माओ निंग ने कहा कि चीन ने कभी भी तथाकथित केंद्र शासित लद्दाख को मान्यता दी ही  नहीं  है, इसका गठन भारत ने एकतरफ़ा और अवैध ढंग से कर लिया है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत की घरेलू अदालत का फ़ैसला इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि चीन-भारत सीमा का पश्चिमी हिस्सा हमेशा से चीन का ही रहा है. 
आपको बता दें कि जिस समय भारत ने आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी कर के जम्मू कश्मीर का दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठन करने का फ़ैसला लिया था, उस समय भी चीन ने आचोलना की थी. उस समय चीन ने भारत के इस फैसले को एकतरफा संशोधन करार दिया था


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लद्दाख को लेकर क्या है तनाव
 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. जब चीन की सेना लद्दाख के पूर्वी इलाकों में सैकड़ों किलोमीटर तक फैली हुई सीमा पर दाख़िल हो गई थी. जिस इलाके में चीनी सैनिक दाखिल हुए थे उन इलाकों को भारत अपना इलाका मानता था. इसी घटना के बाद से LAC पर दोनों देशों के हज़ारों सैनिक तैनात है और सीमा पर तनाव बना हुआ है. जिस इलाके में चीन के सैनिक दाखिल हुए थे चीन पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर अपनी दावेदारी जताता रहा है. 


कश्मीर को लेकर भी आया था बयान
लद्दाख के मसले पर अपने बयान से पहले चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कश्मीर को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी जिसमें उन्होंने  कश्मीर मसले पर चीन का रुख़ एकदम स्पष्ट बताते हुए कहा था कि संबंधित पक्षों को आपसी बातचीत और सलाह मशवरा से  से विवाद को सुलझाना चाहिए ताकि इलाके में शांति और स्थिरता बनी रहे.