AIMPLB-SP Reaction ON CM Statement On Gyanvapi: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर दिये गए बयान ने यूपी में सियासी हलचल तेज़ हो गई है. इसी कड़ी में AIMPLB के सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने जो बयान दिया है वह भारत के सबसे बड़े प्रदेश के मुखिया की हैसियत से गैरकानूनी बयान है. उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि हम सीएम के बयान की कड़ी निंदा करते हैं. यूपी के मुखिया होने के नाते उन्हें कानून और संविधान का संरक्षक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीएम को यह कहना चाहिए था कि कानून अपना काम करेगा और कानून के अंतर्गत जो होगा वह सही होगा. लेकिन, उन्होंने एक पक्षकार की हैसियत से बयान दिया जो लोकतंत्र पर दाग़ है.


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धर्म की सियासत करती है बीजेपी:SP
वहीं ,ज्ञानवापी सर्वे को लेकर सीएम योगी के बयान पर पूर्व मंत्री और सपा विधायक फरीद महफूज किदवई का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि, 24 के चुनाव आते-आते बीजेपी के नेताओं की जुबान से अभी और जहरीले बोल निकलेंगे.सपा नेता ने कहा कि बीजेपी सिर्फ धर्म के नाम पर वोट लेती है और वो चुनिंदा पूंजीपतियों बढ़ावा को देती है. फरीद महफूज ने कहा कि, अगर सारी मस्जिदें भी भाजपा को दे दीं जाएं, तब भी यह कहेंगे, अब ये भी चाहिए.



ज्ञानवापी पर सीएम ने दिया ये बयान
दरअसल, हाल ही में मस्जिद के सर्वे के लिए टीम पहुंची थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. अब इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी अदित्यनाथ का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष को सामने आना चाहिए और इसे एक एतिहासिक भूल करार देना चाहिए. ज्ञानवापी पर सवाल किए जाने पर योगी अदित्यनाथ ने कहा- अगर हम उसको मस्जिद कहते हैं तो उस पर विवाद होगा. भगवान ने जिसको आंखें दी है वह उसे देखे, त्रिशूल मंदिर में क्या कर रहा है. ज्योतिर्लिंग और देव प्रतिमाएं हैं पूरी दीवारे चिल्ला-चिल्ला कर कह रही हैं. मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है.


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