Congress Chief Letter To PM: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा. इसमे उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को सरकार की पिछले नौ बरसों की उपलब्धियों का प्रचार करने का हालिया आदेश नौकरशाही का राजनीतिकरण है और उन्होंने इसे वापस लेने की मांग की. अपने लेटर में खरगे ने 18 अक्टूबर को जारी सरकारी आदेश पर ऐतराज जताया और दावा किया कि आदेश में ज्वाइंट सेक्रेटरी, निदेशक और उप सचिव जैसे हाई रैंक के सीनियर अधिकारियों को देश के सभी 765 जिलों में "रथ प्रभारी" के तौर पर तैनात किया जाना है, जो भारत सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का प्रचार करेंगे.


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"सरकार मुलाजिम सियासी सरगर्मी में नहीं ले सकता भाग"
कांग्रेस चीफ ने 9 अक्टूबर, 2023 के रक्षा मंत्रालय के एक और हुक्मनामे का भी हवाला दिया, जिसमें सालाना छुट्टी पर गए फौजियों को सरकारी स्कीमों के प्रचार-प्रसार में समय बिताने का निर्देश दिया गया है, जिससे उन्हें "सैनिक राजदूत" बनाया जा सके. खरगे ने इल्जाम लगाया कि सीनियर अफसरान को मौजूदा सरकार की कैंपेन एक्टिविटी में लगाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 की साफ तौर पर खिलाफर्जी है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी मुलाजिम किसी भी सियासी सरगर्मी में हिस्सा नहीं लेगा.



आदेश वापस लिया जाए: कांग्रेस 
खरगे ने पीएम के नाम अपने ख़त में लिखा कि "हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की हिफाजत को देखते हुए यह जरूरी है कि इन आदेशों को फौरी तौर पर वापस लिया जाए. कांग्रेस चीफ ने X पर एक पोस्ट में इल्जाम लगाया कि केंन्द्र सरकार के लिए, सरकार की सभी एजेंसियां, इदारे और विभाग अब आधिकारिक तौर पर 'प्रचारक' हैं. एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने भी X पर यह लेटर शेयर किया और कहा कि कांग्रेस सद्र मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम को नौकरशाहों और फौजियों के हो रहे जबरदस्त राजनीतिकरण पर लिखा है, जिन्हें हमेशा निष्पक्ष और गैर-सियासी रखा जाना चाहिए. 


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