नई दिल्लीः कांग्रेस तर्जुमान जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill Congress spokesperson) ने बुधवार को यह कहते हुए अपने ओहदे से इस्तीफा दे दिया कि पार्टी के निर्णयकर्ताओं का नजरिया युवाओं की आकांक्षाओं के हिसाब से ठीक नहीं है. उन्होंने पार्टी से हर तरह से अपना संबंध तोड़ दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी में चाटुकारिता हावी है और यह पार्टी को दीमक की तरह खाए जा रही है. उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो पार्टी आने वाले दिनों में और रसातल में चली जाएगी. 


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नेता जमीनी हकीकत की अनदेखी करते हैं
पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कहा, “ पहला कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दृष्टिकोण अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के लायक नहीं है.“ उन्होंने कहा, “इसके अलावा, मुझे यह कहते हुए बेहद दुख हो रहा है कि फैसले लेना अब नागरिकों और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लगे हुए हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी करते हैं. यह कुछ ऐसा है कि मैं नैतिक रूप से इसे स्वीकार नहीं कर सकता या साथ काम करना जारी नहीं रख सकता.“ हालांकि, जयवीर शेरगिल ने सोनिया गांधी को उन सभी मौकों के लिए धन्यवाद दिया, जो पार्टी ने उन्हें दिए थे.


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दो अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव समितियों से इस्तीफा दिया था 
गौरतलब है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के क्रमशः जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में चुनाव संबंधी समितियों से इस्तीफा देने के बाद जयवीर शेरगिल का यह  इस्तीफा सामने आया है. यह इस्तीफा ऐसे मौके पर आया जब कांग्रेस में शीर्ष पद के चुनाव के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है. कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 20 सितंबर से पहले पार्टी ने चुनाव करने का वादा किया है. 


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