Constitution Day 2022: संविधान दिवस के मौक़े पर पीएम का ख़िताब; कहा- संविधान हमारी सबसे बड़ी ताक़त
Constitution Day: भारत में 26 नवंबर को `संविधान दिवस` के तौर पर मनाया जाता है. इस मौक़े पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में `संविधान दिवस` प्रोग्राम में हिस्सा लिया और संविधान को सबसे बड़ी ताक़त बताया.
Constitution Day: भारत में 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. इस मौक़े पर वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में 'संविधान दिवस' प्रोग्राम में हिस्सा लिया है और इस दौरान ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत नई पहलों और वेबसाइट का इफ़्तेताह किया. संविधान दिवस के मौक़े पर पीएम ने ख़िताब भी किया. अपने ख़िताब में वज़ीरे आज़म ने कहा कि "1949 में यह आज का ही दिन था, जब आज़ाद हिन्दुस्तान ने अपने लिए एक नई भविष्य की बुनियाद डाली थी". पीएम ने कहा कि "इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि भारत ने अपनी आज़ादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं.
संविधान हमारी सबसे बड़ी ताक़त: पीएम
संविधान दिवस के मौक़े पर पीएम ने अपने ख़िताब में कहा कि "लोगों ने तब आज़ादी के समय हमारी नाकामी का आदेशा ज़ाहिर किया था, कि हम अपनी आज़ादी बरक़रार नहीं रख पाएंगे, लेकिन हम कामयाब हुए. इसकी बुनियाद हमारा संविधान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति के तौर पर लगातार आगे क़दम बढ़ा रहा है. दुनिया भारत की उपलब्धियों को देख रही है. ख़ास तौर पर महिलाओं से संबंधित, पुराने क़ानूनों को ख़त्म करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है. पीएम ने कहा कि आज़ादी का ये अमृतकाल देश के लिए कर्तव्यकाल है, हमारी ज़िम्मेदारियां ही आज हमारी पहली प्राथमिकता हैं. अपने फ़र्ज़ के रास्ते पर चलते हुए ही हम देश को तरक़्क़ी की नई ऊंचाई पर ले जाने में कामयाब हो सकते हैं.
26/11 हमले के शहीदों को ख़िराजे अक़ीदत
संविधान दिवस के अवसर पर पीएम ने 26/11 के दहशतगर्दाना हमले में शहीद हुए लोगों को ख़िराजे अक़ीदत पेश किया. वज़ीरे आज़म ने कहा कि "आज ही के दिन मुंबई में 26/11 दहशतगर्दाना हमला हुआ था. 14 साल पहले जब भारत अपने आईन और नागरिकों के अधिकारों का जश्न मना रहा था, तब इंसानियत के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा दहशतगर्दाना हमला किया था. प्रधानमंत्री ने हमले में जान गंवाने वालों को ख़िराजे अक़ीदत पेश किया.
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