शिंद और उद्धव गुट में से इनको मिलेगी शिवसेना, चुनाव आयोग ने दिए निर्देश
दोनों गुटों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों ने शिवसेना पर अधिकार का दावा किया है. इस मामले में अदालत ने दोनों गुटों से बहुमत होने के अपने दावे को साबित करने के लिए डाक्यूमेंट देने को कहा है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र का सियासी संकट सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव आयोग ने दोनों गुटों उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को शिवसेना (Shiv Sena) में बहुमत होने के अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त में होगी.
शिवसेना मामले पर 8 अगस्त को होगी सुनवाई
चुनाव आयोग (Election Commission) के मुताबिक, दोनों समूहों को दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा गया है. 8 अगस्त को चुनाव आयोग (Election Commission) शिवसेना के दोनों ग्रुपों के दावों और विवादों को लेकर सुनवाई करेगा.
दोनों गुटों ने पार्टी पर दावा पेश किया
उद्धव ठाकरे गुट ने कई मौकों पर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसने शिंदे गुट की तरफ से 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई गई थी.
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शिंदे ने दिए ये तर्क
गुट ने आगे एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत को पार्टी पदों से हटाने की मांग की थी. शिंदे ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि 55 में से 40 विधायक, विभिन्न एमएलसी और 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं.
जब्त हो सकते हैं चुनाव चिन्ह
जब दो गुट एक ही चुनाव चिह्न् पर दावा पेश करते हैं, तो चुनाव आयोग (Election Commission) सबसे पहले पार्टी के संगठन और उसके विधायिका विंग के भीतर प्रत्येक गुट के समर्थन की जांच करता है. ऐसे मामलों में आयोग पार्टी के चुनाव चिह्न् को भी जब्त कर सकता है. इसके अलावा दोनों गुटों को नए नामों और प्रतीकों के साथ पंजीकरण करने के लिए कह सकता है. अगर चुनाव नजदीक हैं, तो यह दोनों समूहों को एक अस्थायी चुनाव चिह्न् चुनने के लिए कह सकता है.
(आईएएनएस)
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