चक्रवादी तूफान बिपजॉय की वजह से मौसम में बदलाव नजर आ रहा है. गुजरात के अरब सागर के तट पर वालसाड में तीथल बीच पर ऊंची लहरें देखी गई हैं. बिपजॉय तूफान की वजह से तीथल बीच को 14 जून तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. वलसाड में मछुआरों को समुंदर में जाने से रोक दिया गया है. गिरसोमनाथ और वलसाड में NDRF की टीमें तैनात की गई हैं. 15 तक इस चक्रवात गुजरात में पहुंचने की आशंका है. ऐसे में यहां 7500 लोगों को सुरक्षि स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारतीय रेल ने एहतियात कै तौर पर 67 ट्रोनों को रद्द करने का फैसला किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खाली कराया गया इलाका


बताया जाता है कि अभी चक्रवाती तूफान गुजरात से 350 किमी की दूरी पर है लेकिन यहां एहतियात के तौर पर समुंद्र किनारे बसे 2 किमी के अंदर गावों को खाली कराया जा रहा है. 


इन जगहों पर होगा असर


बिपजॉय तूफान का असर केरल, कर्नाटक और लक्ष्यदीप के तट पर देखने को मिल सकता है. इसलिए यहां भी मछुआरों को समुंद्र में जाने से रोक दिया गया है. शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम, पठानमथिटा, कोट्टायम और कोझिकोड जैसे इलाकों में यलो एलर्ट जारी किया गया है. 


यह भी पढ़ें: Video: रिलीज हुआ गदर 2 का टीजर, पंप की जगह सनी के हाथ में नजर आई भयानक चीज


15 जून को होगा खतरनाक


एक अधिकारी के मुताबिक बिपरजॉ का खतरा सबसे ज्यादा 15 जून को रहेगा. ऐसे में लोगों से गुजारिश की गई हैं कि लोग अपने घरों के अंदर रहें. तूफाने आने से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं. जिससे नुकसान हो सकता है. 


पुरानी इमारतें तोड़ी गईं


तूफान की वजह से गुजरात के जामनगर के रेलवे स्टेशन की जर्जर इमारतों को तोड़ दिया गया है. यहां 150 साल पुराने रेलवे स्टेशन को काफी पहले बंद कर दिया गया था. लेकिन इसे सोमवार को गिरा दिया गया. मोरबी में सभी सिरेमिक प्लांट को बंद करने की खबर दी गई. लखुरई क्रॉस रोड के पास दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई. 


पहले भी आया तूफान


साल 1998 में कांडला में भयानक साइक्लोन आया था. अब इसे 25 साल हो चुके हैं. 10 जून 1998 को आए इस तूफान में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.


Zee Salaam Live TV: