नई दिल्लीः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बुध को ट्विटर को मुबैयना असमतदरी और कत्ल की शिकार बनी दलित लड़की के परिवार का फोटो उसके मंच पर शेयर करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. साथ ही कहा कि यह किशोर न्याय और पोक्सो कानूनों की खिलाफवर्जी है. राहुल गांधी ने नौ वर्षीय इस लड़की के परिवार से बुध को भेंट की थी और कहा था कि वह इंसाफ की लड़ाई में इस परिवार के साथ हैं और इसमें ‘एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे. बाद में उन्होंने लड़की के माता-पिता के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर डाली और लिखा, ‘‘माता-पिता के आंसू सिर्फ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी इंसाफ की हकदार है, और न्याय की इस राह पर मैं उनके साथ हूं.’’ 



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बाल आयोग ने ट्वीट को हटवाने के लिए भेजी चिट्ठी 
एनसीपीसीआर ने ट्विटर के मकामी शिकायत अफसर को पत्र भेजकर कहा है कि इस मुबैयना फोटो में पीड़िता के माता-पिता के चेहरे देखे जा सकते हैं जो लड़की की पहचान जाहिर करता है. उसने कहा कि इसलिए, उस ट्विटर हैंडल पर नाबालिग पीड़िता के परिवार के फोटो पोस्ट करने को आयोग किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74, पोक्सो अधिनियम की धारा 23, भादंसं की धारा 228 ए और माननीय अदालतों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन मानता है. आयोग ने कहा कि यह शिकायत उस ट्विटर हैंडल के विरूद्ध माकूल कार्रवाई और इस मंच से इस ट्वीट को हटवाने के लिए भेजी जा रही है. आयोग ने तीन दिन के अंदर इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.

भाजपा नेता ने भी की शिकायत 
उसके इस कदम से पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने गांधी पर बच्ची के परिवार से मिलने के बाद उसके माता पिता की तस्वीर पोस्ट कर उनकी पहचान उजागर कर यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) कानून का उल्लंघन करने का भी इल्जाम लगाया. पात्रा ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मामले में संज्ञान लेने और कांग्रेस नेता को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है.  


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