Damoh Hijab Controversy: मध्य प्रदेश के दमोह शहर में हिन्दू छात्राओं को हिजाब पहनाने के मामले में सुर्खियों में आये गंगा जमुना स्कूल के संचालकों पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. दमोह के विवादास्पद गंगा जमना स्कूल के खिलाफ हुई एफआईआर में नामजद स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए अब पुलिस एक्शन में है और शनिवार की देर रात पुलिस ने तमाम आरोपियों के घरों पर दबिश दी. बड़ी तादाद में पुलिस दस्ता आरोपियों के घरों में पहुंचा और घरों की तलाशी ली लेकिन एक भी आरोपी पकड़ में नही आया. पुलिस की कार्य प्रणाली के बाद एक बड़ा वर्ग जरूर नाराज हो गया और इस तबके ने पुलिस थाने में हंगामा मचा दिया.


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दरअसल गंगा जमना स्कूल की प्रबंध समिति में मुस्लिम मेंबर्स के अलावा हिन्दू और जैन समाज के लोग भी मेंबर है, इन गैर मुस्लिम सदस्यों के ऊपर भी मुकदमा दर्ज है लिहाजा पुलिस उनके घरों में भी दबिश दे रही है, इस कार्यवाही के दौरान पुलिस ने जैन समाज के एक प्रतिष्ठित व्यापारी और गंगा जमना ट्रस्ट के ट्रस्टी शैलेंद्र जैन जो कि मामले में मुल्जिम हैं उनके घर पर गिरफ्तारी के लिए दबिश दी लेकिन शैलेंद्र जैन नहीं मिले तो उनके बेटे और भतीजे को पुलिस उठा कर थाने ले गई. जब जैन समाज के लोगों को इस बात की जानकारी मिली तो लोगो में गुस्सा फैल गया और देर रात ही बड़ी तादाद में जैन समाज के लोग कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे और विरोध जाहिर किया.


दमोह की जैन समाज के जिले के अध्यक्ष सुधीत सिंघई की अगुवाई में पहुंचे लोगों ने पुलिस की कार्यवाही की मुखालेफत की. सुधीर सिंघई का कहना है कि जिसके ऊपर इल्जाम है उसकी गिरफ्तारी की जाए न कि उसके परिवार वालों की. नियम और कानून भी यही कहता है लेकिन पुलिस जिस हाईप्रोफाइल मामले में इस तरह की कार्यवाही कर रही है वो गलत है. जिला जैन पंचायत के अध्यक्ष के मुताबिक समाज के लोगो की मुखालेफत के बाद पुलिस ने आरोपी शैलेन्द्र जैन के भतीजे को तो छोड़ दिया लेकिन उनके बेटे को अभी भी पुलिस थाने से नही छोड़ा है.



 इसके अलावा कोतवाली पुलिस ने गंगा जमना स्कूल संचालकों के कुछ और परिजनों को भी पुलिस थाने में बैठा रखा है और माना जा रहा है कि ये तरीका आरोपियों पर दबाव बनाने के लिए अपनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स इस कार्यवाही पर ऑपरेशन से जुड़े अधिकारी मीडिया को भी जानकारी नही दे रहे हैं. कार्यवाही के दौरान सीएसपी भावना दांगी और कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत से रिपोर्टर कार्यवाही की जानकारी देने सवाल करते रहे लेकिन दोनों जिम्मेदार अफसर कुछ भी बोलने से कतरारे रहे.


 


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