Ghulam Nabi Azad Statement: जम्मू-कश्मीर की सियासत में शुक्रवार को सियासी उथल-पुथल देखने को मिली. ग़ुलाम नबी आज़ाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी को अलविदा कहने वाले 17 लीडरान ने दोबारा कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया. इस पूरे सियासी हालात पर डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी  के चीफ़ ग़ुलाम नबी आज़ाद का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा DAP से लीडरान का कांग्रेस में वापसी करना उनकी पार्टी के लिए कोई झटका नहीं है. साथ ही उन्होंने अपने पुराने साथियों के लिए नेक ख़्वाहिशात का इज़हार किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उनके ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोलूंगा, मेरे पुराने साथी: आज़ाद
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि मैं तमाम लोगों को शुभकामनाएं देता हूं, मैं उनके ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि वे मेरे पुराने साथी रहे हैं. आज़ाद ने कहा कि रिसीमन के बाद ये नेता बिना निर्वाचन क्षेत्र के रह गये थे, क्योंकि कुछ असेंबली हल्क़ों को कमिशन ने रिज़र्व कर दिया था. आज़ाद ने आगे कहा कि मैंने उन्हें पार्टी में ओहदे दिये, क्योंकि वे मेरे पुराने साथी थे और इलेक्शन लड़ नहीं सकते थे, लेकिन उन्हें यह पच नहीं पाया. उन्होंने कहा कि  शायद वे जहां गये हैं, वे नहीं जानते हैं कि इन तीनों के पास बस पार्टी के ओहदे थे, उनका कोई निर्वाचन क्षेत्र नहीं हैं.


यह भी पढ़ें: Shraddha Murder Case: चार दिन के लिए बढ़ाई गई आफ़ताब की न्यायिक हिरासत; 10 जनवरी को कोर्ट में पेशी


DAP के 17 नेताओं ने फिर थामा कांग्रेस का हाथ
बता दें कि डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी के 17 लीडरान ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद भी शामिल हैं. ताराचंद के अलावा पीरज़ादा मो. सईद, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष ठाकुर बलवान सिंह (पूर्व विधायक और पूर्व महासचिव डीएपी), मो. मुजफ्फर र्पे, पूर्व एमएलसी और  सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील, मोहिंदर भारद्वाज (सीनियर एडवोकेट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय, तीन बार अध्यक्ष बार एसोसिएशन जम्मू, पूर्व सदस्य कार्य समिति, डीएपी) और अन्य लीडर कांग्रेस में शामिल हुए. पार्टी के सीनियर लीडर के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा की वजह से नेता वापस आ गए हैं और अब विभाजनकारी ताक़तों से लड़ने के लिए राहुल गांधी के साथ चलेंगे. 


Watch Live TV