बरेली: बरेलवी मुसलमानों की अकीदत का अहम मरकज़ दरगाह आला हज़रत के मैनेजमेंट कमेटी ने बाराबंकी जिले के रामसनेहीघाट में इंतजामिया की जानिब से पिछले दिनों 'गैर-कानूनी रिहायशी कंपलेक्स' बताकर ढहायी गयी 100 साल पुरानी मस्जिद को दोबारा बनवाने और इसे जमींदोज करने वाले जिम्मेदार अफसरों को मुअत्तल करने का मुतालबा किया है.


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दरगाह आला हजरत के मीडिया इंचार्ज नासिर कुरैशी ने बताया कि सोमवार को रामसनेहीघाट मस्जिद मामले को लेकर दरगाह के इहाते में एक अहम बैठक हुई, जिसकी सदारद कर रहे दरगाह आला हजरत के सज्जादा नशीन सुबहान रज़ा खान उर्फ सुबहानी मियां ने बाराबंकी इंतजामिया की जानिब से 100 साल पुरानी गरीब नवाज़ मस्जिद गिराए जाने पर सख्त नाराज़गी का इज़हार किया.


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कुरैशी ने बताया कि सुबहानी मियां ने मस्जिद को दोबारा बनवाए जाने और मस्जिद को गिराने के ज़िम्मेदार अफसरों को मुअत्तल कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.  उन्होंने बताया कि दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी ने भी मस्जिद गिराए जाने की कार्रवाई की कड़े अल्फाज़ में मजम्मत करते हुए कहा, 'इतजामिया ने साल 1963 से वक्फ की प्रापरटी के तौर पर दर्ज उस 100 साल पुरानी मस्जिद को एक साजिश के तहत गैर कानूनी तरीके से कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच जबरन शहीद करा दिया जबकि इससे जुड़ा मामला हाइ कोर्ट में ज़ेरे सामअत है.


कुरैशी ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए दरगाह से एक वफद मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी, मौलाना आज़म हशमती, मौलाना इब्राहीम रज़ा व अब्दुल हक़ की कियादत में बाराबंकी भेजा गया है. उन्होंने कहा कि उसकी रिपोर्ट मिलते ही आगे की हिकमते अमली तैयार की जाएगी और जल्द ही लखनऊ में एक वफद आला अफसरों से इस सिलसिले में मुलाकात करेगा.


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गौरतलब है कि 17 मई की शाम को रामसनेहीघाट तहसील के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल की अदालत के हुक्म पर उनके घर के ठीक सामने मौजूद एक पुरानी मस्जिद को कड़े हिफाज़ती बंदोबस्त के बीच जमींदोज कर दिया गया था. 


यह मस्जिद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज थी. वहीं, इंतजामिया का दावा है कि वह एक गैर-कानूनी रिहायशी कंपलेक्स था. वक्फ बोर्ड का इल्ज़ाम है कि डिप्टी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट दिव्यांशु पटेल ने हाई कोर्ट के ज़ेरे सामअत केस के बावजूद उस 100 साल पुरानी मस्जिद को गिरा दिया. यह काम पूरी साजिश के तहत अंजाम दिया गया. बोर्ड इस मामले में जल्द ही हाई कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा.


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