दारुल उलूम देवबंद का फतवा: इंग्लिश भाषा की पढाई से दूर रहें बच्चे; बताई ये खास वजह
Darul Uloom Deoband Fatwa: दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया है कि कोई भी तालिबे इल्म अंग्रेस की तालीम हासिल नहीं करेगा. इस पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा ने कहा है कि यह शिक्षा नीति के खिलाफ है.
Darul Uloom Deoband Fatwa: इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने छात्रों के लिए नया फरमान जारी किया है. इसके तहत कोई भी छात्र दारुल उलूम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान इंग्लिश या किसी दूसरी भाषा का नहीं सीखेगा. फतवा में कहा गया है कि आदेश न मानने वाले छात्र के खिलाफ सीधे निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी. दारुल उलूम के शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन हरिद्वारी की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि दारुल उलूम में तालीम हासिल करने के दौरान छात्रों को इंग्लिश आदि सीखने की इजाजत नहीं होगी.
नए आदेश से पहरेशान हैं छात्र
अगर कोई छात्र इस पर अमल नहीं करते पाया जाता है या फिर गुप्त रूप से उसकी इसमें संलिप्ता मिलती है तो उसका अखराज (निष्कासन) कर संस्था से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. नये आदेश से उन छात्रों में बेचैनी पैदा हो गई है जो बेहतर भविष्य के लिए दारुल उलूम में शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ इंग्लिश या कंप्यूटर आदि के कोर्स करते हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने जताया ऐतराज
इस मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि इस तरह के संस्थाओं की तरफ से जारी फतवा का कोई महत्व नहीं है, दारुल उलूम के द्वारा इसके पूर्व में भी कई फतवा जारी किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने जो नई शिक्षा नीति बनाई है उसमें हर भाषा को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है. कहा कि अभी तक मंत्रालय तक इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है. अगर मंत्रालय तक मामला पहुंचता है तो निश्चित रूप से ऐसे संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मदरसों में दी जाती है दुनियावी तालीम
ख्याल रहे कि देशभर में कई मदरसें हैं. इन मदरसों में अरबी उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी की तालीम दी जाती है. यहां गणित और विज्ञान भी पढ़ाया जाता है. दीनी तालीम के अलावा दुनियावी तालीम भी इन मदरसों में दी जाती है.
अलीगढ़ मेयर का बयान
विवादित बयान पर अलीगढ़ मेयर प्रशांत सिंघल का कहना है कि बच्चों के फ्यूचर को लेकर बहुत गलत बयान दिया है. आज की तारीख में जो युवा बच्चे हैं उन सब को इस कॉम्पिटेटिव वर्ल्ड में आगे बढ़ने के लिए हिंदी के साथ इंग्लिश भी बहुत जरूरी चीज है. क्योंकि आज इंडिया मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व में वर्ल्ड लीडरशिप की तरफ आगे बढ़ रहा है. बच्चों को इंग्लिश भी सीखनी चाहिए. इस तरह के बयान ना दें, बच्चों के भविष्य को लेकर कोई भी संस्थान इस तरह का खिलवाड़ ना करें. आने वाला फ्यूचर बच्चों के ही हाथ में है. हमें बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि बच्चे हिंदी इंग्लिश के साथ और भी भाषा सीख चाहिए, ताकि वर्ल्ड में फेस कर सके अगर बच्चे आगे बढ़ेंगे तो हमारा देश आगे बढ़ेगा.
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