Darul Uloom Deoband: दारुल उलूम देवबंद ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर नई बहस छेड़ दी. दुनिया के चंद सबसे बड़े इस्लामी संस्थानों में से एक दारुल उलूम देवबंद ने अपने आदेश में छात्रों से कहा था कि जो भी दाढ़ी कटवाएगा उसको निष्कासित कर दिया जाएगा. एक जानकारी के मुताबिक दारुल उलूम ने यह आदेश 4 छात्रों को निष्कासित करने बाद जारी किया है. संस्थान के इस आदेश पर नई बहस छिड़ गई है और उम्मीद जाहिर की जा रही है दारुल उलूम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य कुमारी सैय्यद शहज़ादी ने कहा है कि केंद्र सरकार सबका साथ-सबका विकास के तहत आगे बढ़ रही है. अगर दारुल उलूम देवबंद ने इस तरह का फरमान जारी किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा है कि आयोग इस पर बैठकर चर्चा करेगा और जो भी सही होगी वो फैसला लेगा. कुमारी सैय्यद शहज़ादी का कहना है कि अल्पसंख्यक आयोग अल्पसंख्यकों के हितों की हिफाज़त के लिए ही बना है. 


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बता दें कि दारुल उलूम देवबंद ने सोमवार को दाढ़ी न कटवाने का आदेश जारी किया. आदेश में कहा कि कोई भी छात्र जो अपनी दाढ़ी कटवाएगा या मुंडवाएगा, उसे संस्था से बाहर कर दिया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दारुल उलूम के शिक्षा विभाग की देखरेख करने वाले मौलाना हुसैन अहमद हरिद्वारी ने नोटिस जारी किया है. उन्होंने नोटिस में उल्लेख किया कि दाढ़ी मुंडवाना या कटवाना इस्लाम के अनुसार गलत है और छात्रों को कभी भी अपनी दाढ़ी नहीं बनवानी चाहिए. फतवे में आगे कहा गया है कि 6 फरवरी को दारुल उलूम देवबंद के चार छात्रों को दाढ़ी काटने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था. 


मदरसे द्वारा जारी फतवे का देवबंद के उलेमा मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने स्वागत किया है. मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी, जो दारुल उलूम के पूर्व छात्र भी हैं, ने कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब ने जो कुछ भी अपनाया है वह सुन्नत है. "हर मुसलमान को सुन्नत और शरिया के सिद्धांतों का पालन करके अपनी जिंदगी गुजरानी चाहिए. इस्लाम में एक मुठ्ठी के बराबर दाढ़ी रखना सुन्नत है. इससे ज्यादा बढ़ी हुई दाढ़ी को कटवा दिया जाए तो इसमें कोई हर्ज नहीं है."


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