राज्यसभा में किसान बिल पर बहस जारी, कांग्रेस ने कहा- डेथ वारंट पर नहीं करेंगे दस्तखत
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने चर्चा के दौरान कहा, `पंजाब और हरियाणा के किसान समझते हैं कि ये उनकी आत्मा पर बहुत बड़ी चोट है. कांग्रेस इसे खारिज करती है.
नई दिल्ली: इतवार के रोज़ राज्यसभा में किसान बिल पेश करते हुए मरकज़ी वज़ीरे ज़राअत (कृषि) नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बिल से किसानों का ज़िंदगी सुधरेगी और फसल की मुनासिब कीमत भी मिलेगी. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है. इसके अलावा मुल्कभर में भी इस बिल को लेकर लगातार प्रोटेस्ट जारी हैं.
तोमर ने कहा कि ये दो बिल तारीखी हैं और किसानों के ज़िंदगी में बड़े बदलाव लाने वाले हैं. इस बिल के ज़रिए से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा. इन बिलों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का मौका मिलेगा.
वहीं इस बिल पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने चर्चा के दौरान कहा, 'पंजाब और हरियाणा के किसान समझते हैं कि ये उनकी आत्मा पर बहुत बड़ी चोट है. कांग्रेस इसे खारिज करती है. किसान का बेटा होने के नाते किसानों के डेथ वारंट पर किसी तरह साइन करने को तैयार नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे हैरानी हुई कि इस वक्त इस बिल को लाने की जरूरत क्या है, जब कोरोना के एक लाख केस हर रोज़ निकल रहे हैं. जब चीन बॉर्डर पर बैठा है, तब इसकी ज़रूरत क्या है.' बाजवा ने कहा, 'एमएसपी को खत्म करने का तरीका है. यही हाल अमेरिका में हुआ है. किसानों की तीस फीसद जमीनें कॉरपरेट हाउस ले गए, किसान सड़कों पर है.'
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