दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश गौरांग कंठ का एक पत्र इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने उन सुरक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है जो उनके आवास के दरवाजे को बंद रखने में विफल रहे, जिस कारण उनके पालतू कुत्ते की मौत हो गई. न्यायमूर्ति गौरांग कंठ, जिन्होंने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, ने 12 जून को संयुक्त पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) मंगेश कश्यप को अपना पत्र लिखा, जिसमें उपरोक्त मुद्दे के संबंध में जांच की मांग की गई, जो उनके और उनके परिवार के जीवन के लिए गंभीर खतरा हो सकता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पालतू कुत्ता खो दिया


न्यायमूर्ति कंठ ने पत्र में बहुत पीड़ा के साथ लिखा: "मेरे आधिकारिक बंगले पर सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिकारियों की लापरवाही और अक्षमता के कारण मैंने अपना पालतू कुत्ता खो दिया है. बार-बार उन्हें दरवाजा बंद रखने के लिए कहने के बावजूद मेरे आवास पर तैनात सुरक्षा अधिकारी मेरे निर्देशों का पालन करने और अपने पेशेवर कर्तव्य को पूरा करने में विफल रहे हैं."


सुरक्षाकर्मियों ने की लापरवाही


उन्होंने आगे कहा, "कर्तव्य के प्रति इस तरह की लापरवाही और अक्षमता पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इससे मेरे जीवन और स्वतंत्रता को गंभीर खतरा हो सकता है." न्यायाधीश ने इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इन सुरक्षाकर्मियों ने अपने कर्तव्य निभाने में इस तरह की लापरवाही करेंगे, सोचा नहीं था. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उनके आवास पर कोई अप्रिय घटना नहीं होगी और उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है.


जल्द ही कार्रवाई


उन्होंने तर्क दिया, "द्वार पर पहरा न देना और मेरे निवास के द्वार से आने-जाने वालों पर नज़र रखने में समर्पण की कमी असहनीय है." अपने पत्र में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट पत्र की तारीख से तीन कार्य दिवसों के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए.


इस तरह की खबरें पढ़ने के लिए zeesalaam.in पर जाएं.