AAP नेता संजय सिंह को कोर्ट से झटका; इतने दिन और बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत
Delhi Liqour Scam: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
Sanjay Singh ED Remand: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. तीन दिन की ईडी हिरासत की मुद्दत खत्म होने पर उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के सामने पेश किया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज ने उन्हें 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. संजय सिंह ने शुक्रवार को अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चैलेंज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने संजय सिंह की अर्जी पर शुक्रवार को ही सुनवाई करने के लिए रजामंदी जाहिर की. जब उनके वकील ने चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच के सामने मामले को फौरन सूचीबद्ध करने का जिक्र किया.
ED ने नहीं बताया गिरफ़्तारी का आधार: संजय
संजय सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जरिए अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चैलेंज करते हुए कहा है कि वित्तीय जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तारी की बुनियाद नहीं बताई है. संजय सिंह की तरफ से बहस करने वाली सीनियर वकील रेबेका जॉन ने दावा किया कि ईडी के पास मामले में उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग करने की कोई बुनियाद नहीं है. अदालत ने संजय सिंह को पेशी के दौरान मीडिया से बात नहीं करने की भी हिदायत दी थी और कहा था कि इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं.
27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत
बता दें कि जांच एजेंसी ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके घर पर तलाशी लेने के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया था. जब दूसरी बार संजय सिंह की कोर्ट में पेशी हुए तो उन्हें 13 अक्टूबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा गया था. अब शुक्रवार को ईडी को मिली रिमांड की मुद्दत खत्म होने के बाद कोर्ट ने 27 अक्टूबर तक के लिए उनकी न्यायिक हिरासत में इजाफा कर दिया है. ईडी ने संजय सिंह पर इल्जाम लगाया है कि उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति को लागू करवाने में अहम रोल निभाया था. वहीं, अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है.
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