Santa Claus: हर साल क्रिसमस के मौके पर बच्चों को सांता क्लॉज का इंतजार रहता है. वह लाल-सफेद कपड़े पहनकर और कंधे पर बड़ा बैग लटकाए बच्चों को गिफ्ट देने आते हैं. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर सांता क्लॉज कौन हैं और वह कहां से आते हैं.
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Who is Santa Claus: हर साल क्रिसमस की धूम के साथ "हो-हो-हो" करते हुए लाल-सफेद कपड़ों में, बड़ी सफेद दाढ़ी और बालों वाले सांता क्लॉज बच्चों की खुशियों का प्रतीक बन जाते हैं. अपने कंधे पर गिफ्ट्स से भरा बड़ा बैग लटकाए और हाथों में क्रिसमस बेल लिए, सांता को कौन नहीं पहचानता? बच्चों के लिए, सांता क्रिसमस का सबसे बड़ा आकर्षण हैं.
सांता का रहस्यमयी जीवन और उनका घर
माना जाता है कि सांता का घर उत्तरी ध्रुव (North Pole) पर है. वहां वे अपनी पत्नी और दर्जनों बौनों (elves) के साथ रहते हैं, जो सालभर खिलौनों की एक बड़ी फैक्ट्री में काम करते हैं. यही खिलौने क्रिसमस के मौके पर बच्चों तक पहुंचते हैं.
सांता उड़ने वाले रेनडियर की गाड़ी पर सफर करते हैं. बच्चों को रात में गिफ्ट देने के लिए वे आधी रात को ही आते हैं. कहा जाता है कि अगर बच्चे जल्दी सो नहीं जाते, तो सांता गिफ्ट देने नहीं आते. यही कारण है कि कई जगह बच्चे अपने मोजे बाहर लटकाते हैं, उम्मीद करते हुए कि सुबह उन्हें गिफ्ट मिलेगा.
संत निकोलस से सांता क्लॉज तक
सांता क्लॉज का वर्तमान स्वरूप 19वीं सदी में अस्तित्व में आया, लेकिन इनकी कहानी डेढ़ हजार साल पुरानी है. असल में, सांता का इतिहास संत निकोलस से जुड़ा है, जिनका जन्म तीसरी सदी में मायरा (वर्तमान तुर्की) में हुआ था.
संत निकोलस एक अमीर परिवार से थे, लेकिन बचपन में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया. यीशु में उनकी गहरी आस्था थी, और वे बाद में ईसाई धर्म के पादरी और फिर बिशप बने. संत निकोलस को जरूरतमंदों और बच्चों को उपहार देना बहुत पसंद था.
संत निकोलस की प्रसिद्ध कहानी
कहा जाता है कि एक गरीब व्यक्ति, जिसके पास अपनी तीन बेटियों की शादी के लिए पैसे नहीं थे, वह उन्हें मजदूरी और देह व्यापार में भेजने के लिए मजबूर हो रहा था. निकोलस ने चुपके से उसकी बेटियों की सूख रही जुराबों में सोने के सिक्कों की थैलियां रख दीं. इस घटना से प्रेरित होकर, आज भी बच्चे अपने मोजे या जूते बाहर लटकाते हैं, उम्मीद करते हुए कि उनमें सांता गिफ्ट रखेंगे.
कहां से आया सांता क्लॉज का नाम
सांता का नाम डच भाषा के "सिंटर क्लास" से आया, जो बाद में सांता क्लॉज बन गया. 6 दिसंबर को "संत निकोलस दिवस" के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन उनकी मृत्यु हुई थी. अमेरिका में 1773 में सांता पहली बार "सेंट ए क्लॉज" के रूप में चर्चा में आए.
1930 में कोका-कोला के विज्ञापनों में सांता के आधुनिक स्वरूप को कलाकार हैडन संडब्लोम ने पेश किया. लाल-सफेद कपड़ों वाले सांता का यह नया रूप बेहद लोकप्रिय हुआ और इसे आज तक सांता का स्टैंडर्ड रूप माना जाता है.
कोई जूते में रख रहा गाजर तो कोई भेज रहा खत
क्रिसमस के दौरान हर जगह सांता से जुड़ी अलग-अलग प्रथाएं देखी जाती हैं:
- फ्रांस: यहां बच्चे चिमनी पर अपने जूते लटकाते हैं.
- हॉलैंड: बच्चे सांता के रेनडियर के लिए जूतों में गाजर रखते हैं.
- फिनलैंड: सांता के सबसे लोकप्रिय पते पर बच्चे खत भेजते हैं.
सांता का पता और जवाब देने की परंपरा
अगर आप सांता को खत भेजना चाहते हैं, तो उनका पता है:
सांता क्लॉज,
सांता क्लॉज विलेज,
एफआईएन 96930 आर्कटिक सर्कल,
फिनलैंड
यहां भेजे गए प्रत्येक खत का जवाब मिलता है. दुनिया भर के बच्चे सांता को ईमेल भी भेजते हैं, जिनका उत्तर क्रिसमस पर मिलता है.
सांता और क्रिसमस का अटूट रिश्ता
सांता क्लॉज, बच्चों की खुशियों का प्रतीक हैं. उनकी दरियादिली और प्यार भरे उपहारों ने उन्हें क्रिसमस का अभिन्न हिस्सा बना दिया है. आज भी बच्चे अपने प्यारे सांता का इंतजार करते हैं, जो हर क्रिसमस उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं. इस प्रकार, सांता की कहानी हमें अच्छाई, दया, और दूसरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा देती है.