Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई. आप नेता ने राउज  एवेन्यू कोर्ट में अंतरिम जमानत की मांग की है, जिस पर सुनवाई हुई. अदालत ने सोमवार को कहा कि, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 20 अप्रैल को सुनवाई होगी. राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जस्टिस कावेरी बावेजा ने सिसोदिया के वकील और CBI-ED की तरफ से पेश वकील की दलीलें सुनीं. इससे पहले ईडी ने सिसोदिया और दूसरे मुल्जिमीन पर मामले की सुनवाई में देर करने का इल्जाम लगाया था.


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"सिसोदिया के खिलाफ नहीं मिला सबूत"
मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी उनके वकील मोहित माथुर ने दायर की थी, जिसमें मामले की जांच पूरी करने में देर लगाने का इल्जाम लगाया गया था. इसमें दावा किया गया था कि उनके मुवक्किल को मामले में कथित रिश्‍वत के पैसे से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने दलील दी थी कि, अपराध की कथित आमदनी से सरकारी खजाने या निजी उपभोक्ताओं को कोई नुकसान होने की बात साबित नहीं हुई है. वकील ने मुकदमे में देर की बात पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का मनीष सिसोदिया को अदालत जाने की इजाजत देने वाला हुक्म छह महीने पुराना है और जांच अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी.



सभी शर्तों का पालन किया: वकील
मामले में एक और मुल्जिम बेनॉय बाबू को दी गई जमानत का हवाला देते हुए वकील ने सिसोदिया की जमानत के लिए दलील देते हुए कहा कि वह अब एक असरदार ओहदे पर नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि, सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताए गए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया और फौरी सुनवाई की अपील की. वकील ने आगे कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की हिदायात के मुताबिक, सभी जरूरी शर्तों को पूरा करने और आजादी के दुरुपयोग की आशंका नहीं रहने के कारण जमानत के लिए सिसोदिया की पात्रता स्थापित की गई है. बता दें कि, ईडी और सीबीआई दोनों ही सिसोदिया के रोल की जांच कर रही हैं. इससे पहले, सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा था कि, जांच अहम चरण में है और सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने से जांच में मुश्किल पैदा हो सकती है.