Delhi News: AAP सांसद संजय सिंह को मिली बड़ी राहत, दिल्ली की एक कोर्ट ने शपथ लेने की दी इजाजत
Delhi News: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की एक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सांसद को हिरासत में रहते हुए 5 फरवरी को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की इजाजत दे दी.
Delhi News: आप सांसद संजय सिंह को दिल्ली की एक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने सांसद को हिरासत में रहते हुए 5 फरवरी को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की इजाजत दे दी. कोर्ट ने गुरुवार को मौजूदा संसद सेशन में हिस्सा लेने के लिए 4 से 10 फरवरी तक अंतरिम बेल की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने सिंह की इस याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था.
जज ने न्यायिक हिरासत में शपथ लेने के लिए उनके दरख्वास्त को स्वीकार कर लिया है. संजय सिंह ने इस दौरान 7 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक कोर्ट में मौजूदगी का हवाला दिया. दूसरी तरफ, राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 17 फरवरी तक बढ़ा दी है.
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सांसद सिंह की बेल पिटीशन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. स्पेशल जज नागपाल ने 22 दिसंबर को उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद संजय सिंह ने 4 जनवरी को बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. जिसके बाद जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.
ईडी ने कोर्ट के सामने किया ये दावा
वहीं, ईडी ने मंगलवार को कोर्ट के सामने दावा किया था कि संजय सिंह कथित शराब घोटाले से जुड़ी 'अपराध की आय' को सफेद करने के लिए 'अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड' बनाने में शामिल थे, जो कि आबकारी नीति में बदलाव का रिजल्ट था.
सांसद के वकील ने क्या कहा?
संजय सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे सानियर वकील मोहित माथुर ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को इस अपराध में भूमिका के स्पष्ट इल्जाम के बिना 3 महीने से हिरासत में रखा गया है. माथुर के मुताबिक, सिंह की गिरफ्तारी ईडी के 'मुख्य गवाह' के बयान पर निर्भर थी.
जस्टिस शर्मा ने पहले सिंह की जमानत याचिका ( Bail Petition ) पर जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया था. उन्हें बेल देने से इनकार करते हुए, जज ने कहा था कि सबूतों से पता चलता है कि मुल्जिम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल था और CBI द्वारा जांच की गई अनुसूचित अपराधों से अपराध की आय के संबंध के बुनियाद पर अपराध पर विश्वास करने के लिए उचित थे.