Delhi Riots 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से एक चार्ट दाखिल करने के लिए कहा है, ताकि साल 2020 के सांप्रदायिक दंगों के पीछे की कथित बड़ी साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में गिरफ्तार छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की भूमिका को सह आरोपी नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा से अलग किया जा सके. जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने कहा कि चार्ट में पुलिस, मुल्जिम के इतिहास, उसके रोल और उसके मामले को दूसरों से अलग करने वाले अन्य विवरणों का जिक्र कर सकती है. बेंच ने मामले में जमानत की मांग करने वाली इमाम शरजील की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.


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 19 फरवरी को अगली सुनवाई
कोर्ट अब इस मामले में अब अगली सुनवाई 19 फरवरी को करेगा.  इमाम शरजील ने समानता की बुनियाद पर जमानत की मांग करते हुए कहा कि एफआईआर में नामित 18 मुल्जिमीन में से छह को पहले ही राहत दी जा चुकी है. विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अर्जी की मुखालेफत करते हुए कहा कि दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े मामले में अलग-अलग मुल्जिमीन को अलग-अलग भूमिकाएं सौंपी गई हैं. नार्थ-ईस्ट दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने के मुल्जिम शारजील इमाम, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के एडिटर खालिद सैफी और छात्र-कार्यकर्ता उमर खालिद समेत कई दूसरे लोगों पर कथित तौर पर आतंकवाद विरोधी कानून, गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.



दंगे में 53 लोगों की गई थी जान
बता दें कि, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में हुए दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि इस दंगे में 700 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे. वहीं, इस मामले में शरजील इमाम समेत कई मुल्जिमों पर फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड होने का इल्जाम लगा. शरजील इमाम के खिलाफ UAPA और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज है.