धनबाद जज मौत केस में आरोपियों की रिमांड बढ़ी, अब ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट करेगी CBI
सीबीआई ने गिरफ्तार लखन वर्मा और राहुल वर्मा को बुधवार की दोपहर अदालत में पेश कराया था. दोनों आरोपियों की रिमांड की मुद्दत मज़ीद 10 दिनों के लिए बढ़ाने की मांगी की थी. जिसे अदालत ने मंज़ूर कर लिया.
धनबाद: सीबीआई ने बुधवार को धनबाद के जिला एवं सेशन जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की रिमांड बढ़ाने के लिए एक दरखास्त अदालत में जमा कराई, जिसे कोर्ट की तरफ से मंजूरी मिल गई. अब ओरोपी ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराए जाएंगे. सीबीआई दोनों का गुजरात के फोरेंसिंक साइंस लैब में टेस्ट कराएगी.
सीबीआई की स्पेशल मजिस्ट्रेट शिखा अग्रवाल की अदालत में सीबीआई के एएसपी सह केस के आईओ विजय कुमार शुक्ला ने दरखास्त देकर दोनों आरोपियों के लिए 10 दिनों की रिमांड की मुद्दत बढ़ाने की मांग की. सीबीआई ने गिरफ्तार लखन वर्मा और राहुल वर्मा को बुधवार की दोपहर अदालत में पेश कराया था. दोनों आरोपियों की रिमांड की मुद्दत मज़ीद 10 दिनों के लिए बढ़ाने की मांगी की थी. जिसे अदालत ने मंज़ूर कर लिया.
ये भी पढ़ें: अपने गृह राज्य असम पहुंची लवलीना, स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे CM हिमंत बिस्वा सरमा
सीबीआई ने पिछले दो दिनों में लखन वर्मा और राहुल वर्मा का लाई डिटेक्टर, फोरेंसिक साइकोलॉजिकल असेसमेंट व फोरेंसिक असेसमेंट एनालिसिस टेस्ट कराया. इन दोनों टेस्ट में दोनों ने सीबीआई को कोई जानकारी नहीं दी. दोनों आरोपी अभी भी अपने बयान पर कायम है. उनकी कहना है कि उन्होंने शराब पीने और नशीली दवा के इस्तेमाल की वजह से उन्होंने अपनी गाड़ी का काबू खो दिया था. जिसकी वजह से ये हादसा पेश आया. इसके पीछे कोई साजिश नहीं है.
सीबीआई से पहले रियासती हुकूमत के तरफ से बनाई गई एसआईटी ने दोनों आरोपियों से पांच दिनों तक पूछताछ कर चुकी है.
गौरतलब है कि 28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद (उम्र 50 साल) को ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह मार्निंग वॉक से लौट रहे थे. जज गोल्फ ग्राउंड से टहल कर वापस हीरापुर बिजली ऑफिस के बगल में मौजूद अपने क्वार्टर लौट रहे थे. रणधीर वर्मा चौक से चंद कदम की दूरी पर गंगा मेडिकल के सामने हादसा हुआ. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी. फुटेज देखने के बाद पुलिस ऑटो चालक की मंशा पर सवाल उठा रही है. शक पैदा होने पर जज के पोस्टमार्टम के लिए डीसी के हुक्म पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था. डॉक्टरों की टीम ने देश शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया था. बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट की वजह से उनके कान से का काफी खून बह गया था. रिपोर्ट में ब्रेन हेम्ब्रेज मौत की वजह से बताई गई है.
Zee Salaam Live TV: