ओडिशा सरकार ने वाहन चालकों और श्रमिकों के कल्याण के लिए एक योजना शुरू की है. इसके तहत दुर्घटनावश मौत होने पर उनके परिजन को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि के तौर पर दिए जाएंगे. परिवहन मंत्री तुकुनी साहू ने योजना का ऐलान करते हुए संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने योजना को लागू करने के लिए कल्याण बोर्ड के गठन को सोमवार को मंजूरी दी.


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घायलों को 80 हजार 


इस कल्याणकारी योजना से कम से कम पांच लाख मोटर वाहन चालकों और श्रमिकों को लाभ मिलेगा. साहू ने कहा कि गंभीर रूप से घायल होने के मामले में 80,000 रुपये दिए जाएंगे. योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रारंभिक तौर पर राज्य सरकार कल्याण बोर्ड को आर्थिक सहयोग देगी. मंत्री ने कहा कि बाद में बोर्ड पंजीकरण शुल्क और मोटर वाहन मालिकों के योगदान से संसाधनों की व्यवस्था करेगा.


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दिव्यांग होने पर 10.5 लाख


योजना के तहत स्वाभाविक मृत्यु होने पर चालकों व श्रमिकों के परिजन को दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. स्थायी तौर पर दिव्यांग होने पर मोटर वाहन चालक या श्रमिक को 1.5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी. सरकार ने मोटर वाहन चालकों और श्रमिकों को सरकार की बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (BSKY) और मधु बाबू पेंशन योजना में भी शामिल करने की घोषणा की है, लेकिन तब जब वे इसके लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हों.


'मो घर' स्कीम


उड़ीसा सरकार ने दो हफ्ते पहले ऐलान किया था कि वह 'MO GHARA' (स्थानीय भाषा में 'मेरा घर') स्कीम शुरू करेगी. इसके तहत राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों में निम्न और मध्यम आय वाले लोगों को पैसे देगी. इस स्कीम के तहत सरकार उन सभी परिवारों को कवर करेगी जो लोग मौजूदा हाउसिंग स्कीम में छूट गए हैं. ताकि ये लोग अपना घर बनवा सकें. इस योजना के तहत सरकार लाभार्थियों को 3 लाख रुपये देगी. इसको लाभार्थी 1 की मोरोटेरिएम अवधि को छोड़कर 10 साल में चुका सकते हैं.


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