Diwali 2023, Muslim Women: इस दीपावली हिन्दुओं के घर मुस्लिम महिलाओं के जरिए बनाए जा रहे खूबसूरत दीपक जगमगाएंगे. अपने हाथों से दीपक को तराशने वाली ये महिलाएं शहरी इलाके की नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की हैं. इनकी तालीम भी न के बराबर है, लेकिन कुदरत ने ऐसा हुनर दिया है कि इन गृहणियों के जरिए बनाए जा रहे दीपावली के दीपक देखते ही आप खुद आश्चर्य में पड़ जाएंगे.


दीपक बनाती मुस्लिम महिलाएं


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जौनपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर विकासखंड जलालपुर इलाके के महिमापुर गांव में खूबसूरत दीपकों की तामीर करती ये महिलाएं उत्तर प्रदेश आजीविका मिशन के तहत एक समूह की हैं. इस समूह में कुल 12 सदस्य हैं जिसमें 6 मुस्लिम और 6 हिन्दू महिलाएं हैं. समूह की महिलाओं ने दीवाली के त्योहार के मद्देनजर बहुत ही सुंदर दीपक बना रही हैं.


खास तरह के हैं दीपक


इन दीपक की खासियत है कि ये बिना तेल के जलेगा. ग्रुप के जरिए बनाए गए दीपक करीब 2 घंटा तक जलते रहेंगे. समूह की अध्यक्ष जाफरून हाशमी ने बताया कि सरकार की इस पॉलिसी से गरीब लोगों को रोजगार मिलेगा और गरीबी दूर होगी. उन्होंने कहा कि अभी हमारे ग्रुप को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है. समूह की महिलाओं ने आपस में कुछ पैसे इकट्ठे किए और दीपक बनाने का काम शुरू किया.


दीपक बनाने में लगते हैं 6 स्टेप्स


जाफरून हाशमी ने बताया कि दीपक बनाने में काफी मेहनत लगती है और यह 6 स्टेप्स में पूरे होते हैं. स्वदेशी दीपकों को बनाने के लिए पहले मिट्टी के बने दीपक कुम्हार से खरीद कर लाए जाते हैं. उसके बाद उन्हें धोया जाता है और फिर उसकी पेंटिंग करके उसे सुंदर बनाया जाता है. 


कैसे जलते हैं दीपक


दीपक जलाने के लिए मोम का इस्तेमाल किया जाता है. इस बार ग्रुप को 30 हजार दीपक बनाने का ऑर्डर मिला है जो आगे और बढ़ सकता है. यह दिए लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. एक दिया करीब 2 घंटे तक जलता है.