नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के समेकित परीक्षण रेंज से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम आकाश के नए संस्करण का बुध को कामयाब टेस्ट किया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सभी तरह की हथियार प्रणाली से लैस मिसाइल का टेस्ट दोपहर करीब पौने एक (12ः45) बजे जमीन आधारित मंच से किया गया और टेस्ट के दौरान मिसाइल की उड़ान से हासिल आंकड़ों की बुनियाद पर सभी हथियार प्रणाली के कामयाब, बिना किसी गड़बड़ी के काम करने की तस्दीक हुई है.



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60 किमी है मारक क्षमता 
आकाश मिसाइल का नया संस्करण 60 किलोमीटर की दूरी तक की मारक क्षमता रखता है और यह मैक 2.5 की गति से उड़ान भरने में सक्षम है. मंत्रालय ने कहा कि डीआरडीओ ने ओडिशा तट पर वाके समेकित परीक्षण केन्द्र से आकाश मिसाइल के नए संस्करण का 21 जुलाई को सफल परीक्षण किया. इस दौरान मिसाइल बहुद्देशीय राडार, कमांड, कंट्रोल और संचार प्रणाली और लांचर आदि हथियार प्रणाली से जुड़े सभी तत्वों से लैस था. आकाश मिसाइल को डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला ने अनुसंधान संगठन की अन्य शाखाओं के साथ मिलकर विकसित किया है.

मिसाइल में इस तकनीक का हुआ है इस्तेमाल 
मिसाइल की उड़ान से जुड़े आंकड़े रिकॉर्ड रखने के लिए आईटीआर ने कई निगरानी प्रणाली, जैसे एलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली, राडार और टेलीमेट्री का इस्तेमाल किया. बयान में कहा गया है कि तैनात किए जाने पर आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायुसेना की हवाई रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला साबित होगा.

भारतीय वायुसेना को मिलेगी मजबूतीः राजनाथ 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और विनिर्माण एजेंसियों भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) को मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए मुबारकबाद दी है. डीआरडीओ के सदर जी. सतीश रेड्डी ने मिसाइल के कामयाब टेस्ट के लिए उसमें शामिल टीम की कोशिशों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान करेगा. 


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