Economics Nobel Prize 2024: किस खोज के लिए मिला तीन अर्थशास्त्री को Nobel Prize
Economics Nobel Prize 2024: नोबेल प्राइज 2024 का ऐलान किया गया है. अब इकोनॉमिक्स में साइमन जॉनसन, डेरॉन ऐसमोग्लू और जेम्स ए. रॉबिन्सन को नवाजा गया है. पूरी खबर पढ़ें...
Economics Nobel Prize 2024: इकोनॉमिक्स में 2024 का नोबेल प्राइज का ऐलान किया गया है. इस साल साइमन जॉनसन, डेरॉन ऐसमोग्लू और जेम्स ए. रॉबिन्सन को नोबेल प्राइज से नवाजा गया है. दरअसल, संस्थाएँ कैसे बनती हैं और वे समृद्धि को कैसे प्रभावित करती हैं. इस शोध के लिए तीनों को यह पुरस्कार दिया गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज की नोबेल समिति ने कहा कि तीनों अर्थशास्त्रियों ने किसी देश की समृद्धि के लिए सामाजिक संस्थाओं के महत्व को प्रदर्शित किया है.
नोबेल समिति ने क्या कहा?
नोबेल समिति ने कहा कि राजनीतिक संस्थाओं के बनने और बदलने की परिस्थितियों को समझाने के लिए पुरस्कार विजेताओं के मॉडल में तीन घटक हैं. पहला यह है कि संसाधनों का आवंटन कैसे किया जाता है और समाज में फैसला लेने की शक्ति किसके पास है (अभिजात वर्ग या आम जनता).
नोबेल समिति आगे लिखा कि दूसरा यह है कि आम जनता को कभी-कभी सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग को संगठित करके और धमकाकर सत्ता का प्रयोग करने का मौका मिलता है. इस प्रकार समाज में सत्ता फैसले लेने की शक्ति से कहीं ज्यादा है. तीसरा प्रतिबद्धता की समस्या है, जिसका अर्थ है कि अभिजात वर्ग के लिए निर्णय लेने की शक्ति को जनता को सौंपना ही सिर्फ एक विकल्प है.
कब से शुरू हुई नोबेल प्राइज की शुरुआत
इस पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर 'अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है. केंद्रीय बैंक ने इसे 19वीं सदी के स्वीडिश व्यवसायी और रसायनज्ञ नोबेल के स्मारक के रूप में स्थापित किया, जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया और पाँच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की. पहले विजेता 1969 में राग्नार फ्रिश और जान टिनबर्गेन थे.
2023 नोबेल इकोनॉमिक्स नोबेल प्राइज
पिछले साल 2023 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन को उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया था. उन्होंने इस बात पर शोध किया था कि दुनिया भर में महिलाओं के पुरुषों की तुलना में काम करने की संभावना कम क्यों है और जब वे काम करती हैं तो उन्हें कम वेतन क्यों मिलता है. वह 93 अर्थशास्त्र पुरस्कार विजेताओं में से सिर्फ तीसरी महिला थीं.