हैदराबाद: ED की बड़ी कार्रवाई, हीरा ग्रुप के MD शेख नौहेरा के कई ठिकानों पर की छापेमारी
Hyderabad News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए `हीरा गोल्ड घोटाले` के आरोपी और हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. ईडी ने कई दस्तावेजों से लाखों नकद जब्त किए हैं.
Hyderabad News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार, 3 अगस्त को 'हीरा गोल्ड घोटाले' के आरोपी और हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक शेख नौहेरा की संपत्तियों पर छापेमारी की. हैदराबाद के अलग-अलग पांच जगहों पर की गई इस कार्रवाई में ईडी के अफसरों ने करोड़ों रूपये की संपत्ति के दस्तावेजों समेत 90 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं.
इससे पहले पले भी ईडी ने इस कंपनी पर कार्रवाई की थी. पिछले साल ईडी ने नौहेरा और हीरा समूह की कंपनियों की 24 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. ईडी वने ये संपत्ति लोगों से करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के एक मामले में, 2002 के धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत 33.06 करोड़ रुपये कुर्क किए थे.
ईडी ने पहले भी 400 करोड़ किए थे जब्त
ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इससे पहले भी नौहेरा के ही हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज, मेसर्स एसए बिल्डर्स एंड डेवलपर्स, बेंगलुरु के फर्म और मेसर्स नीलांचल टेक्नोक्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर गैर-कानूनी तरीके से आय से ज्यादा संपत्ति रखने के आरोप में 367 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. इस मामले ने ईडी ने कुल 400.06 करोड़ रुपये कुर्क की थी.
दो लाख लोगों से 500 करोड़ किए थे इकट्ठा
शेख नौहेरा की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (FFIO) और मौजूदा वक्त में ईडी द्वारा एक सोने की पोंजी स्कीम के संबंध में की जा रही थी. इन पर करीब दो लाख लोगों से लगभग 500 करोड़ रुपये ज्यादा इकट्ठा किए थे.
भारत के कई राज्यों समेत खाड़ी देशों में हैं दफ्तर
हीरा समूह में इनवेस्ट करने वाले ज्यादातर निवेशक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और खाड़ी देशों में फैले हुए हैं. बताया जा रहा है भारत समेत खाड़ी देशों में इनके दफ्तर हैं. गौरतलब है कि नौहेरा ने अपने निवेशकों को पोंजी स्कीम तहत उनके निवेश पर 32-42 फीसदी का रिटर्न देने का वादा किया है.
लेकिन उनकी कंपनियों ने भुगतान के वक्त निवेशकों से किए वादे के मुताबिक रिटर्न नहीं किया तो ईडी समेत अलग-अलग कई एजेंसियों द्वारा कई मामले दर्ज किए गए और मामले की जांच शुरू की.